भारतीय महिलाएं सिख सकती हैं बचत करना, रिसर्च रिपोर्ट ने किया खुलासा: Manchh न्यूज़
The Reserve Bank of India ने डिपॉजिट को लेकर एक लेटेस्ट रिपोर्ट जारी की है, इस रिपोर्ट में जो कुछ बताया गया है, उसमें बैंकों में जमा कुल रकम में महिलाओं के खाते में जमा राशि की हिस्सेदारी में 20 परसेंट बढोत्तरी हो गई है और ये 20% 37 लाख करोड़ है। कहते हैं कि महिलाओं की छोटी-छोटी बजट की स्ट्रैटिजी इतनी कामयाब होती हैं कि बड़े-बड़े कोर्स को भी मात दे सकती है। उनकी पाई-पाई जोड़ने की आदत से कभी-कभी पुरूषों को चिढ़ हो जाती है। कहां ज्यादा खर्चा करने की जरुरत है, लॉग टर्म में क्या चीज फायदा और क्या नुकसान पहुंचाएगी, महिलाएं ओल्ड स्कूल तरीकों से लेकर नए-नए बजट एक्सपैरिमेंट से घऱ की फाइनेंस मिनिस्टर बनी रहती हैं। इस बात को आरबीआई ने लाखों-करोडों का आंकड़ा सामने रखकर इसका प्रूफ भी दे दिया है।
आरबीआई ने डिपॉजिट को लेकर एक लेटेस्ट रिपोर्ट जारी की है, इस रिपोर्ट में जो कुछ बताया गया है, उसमें बैंकों में जमा कुल रकम में महिलाओं के खाते में जमा राशि की हिस्सेदारी में 20 परसेंट बढोत्तरी हो गई है। और ये 20 परसेंट 37 लाख करोड़ है। औपचारिक शब्दों में समझें, तो डिपॉजिट्स पर RBI की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में बैंक में कुल डिपॉजिट 10.2% बढ़कर 180 लाख करोड़ हो गए, जबकि इसमें प्रति व्यक्ति डिपॉजिट में गिरावट आई है। वहीं, महिलाओं की हिस्सेदारी 20.5% हो गई है, जो कि 5 साल पहले तक 18% थी।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के इस डाटा पर SBI ने एक रिसर्च रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें ये बात निकलकर सामने आई कि बीते 5 सालों में प्रति महिला जमा राशि 4,618 रुपये बढ़कर 42,503 रुपये हो गई है। और महिलाओं के डिपॉजिट का अहम स्रोत ग्रामीण क्षेत्र है। वैसे कोविड़ के बाद भी सेविंग को लेकर लोगों की स्ट्रैटिजीस में तब्दीलियां हुईं हैं। एसबीआई कि इसी रिसर्च रिपोर्ट में ही जिक्र मिलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के डिपॉजिट की हिस्सेदारी कोरोना महामारी के पहले फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में 25% थी, जो कोविड के बाद की अवधि में बढ़कर फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में 30% हो गई है।
यानी सीधे शब्दों में कहें तो कोविड के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी और भी बढ़ी है। हालांकि इसी के साथ रिपोर्ट में सबसे कम और सबसे ज्यादा बचत वाले राज्यों की भी एक लिस्ट का जिक्र है। जिसमें गोवा सबसे ऊपर और मध्य प्रदेश सबसे नीचे है। अगर राज्यों के आकड़ों को देखें, तो पता चलता है कि गोवा, कर्नाटक, हरियाणा, केरल, उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र में पिछले 5 सालों में, महिलाओं की जमा राशि में औसतन 10,000 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई है।
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