चुनावी रेवड़ी सियासतदानों की रणनीति का हिस्सा बन गई है. वे बेझिझक इसकी वकालत करने लगे हैं. चुनावी रेवड़ी का दांव कोई नया नहीं है. सियासी खलीफा समय-समय पर इसे आजमाते रहे हैं. वैसे तो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों को सेमीफाइनल माना जा रहा है. तेलंगाना और मिजोरम को छोड़ दे तो बाकी बचे तीन राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी का सीधा मुकाबला है. कांग्रेस के सामने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार बचाने की चुनौती है तो मध्य प्रदेश में बीजेपी के लगभग डेढ़ दशक से ज्यादा के शासनकाल को खत्म करना है. इन सबके बीच जो सबसे बड़ा दांव है वो है फ्री विनिंग फॉर्मूला, आसान भाषा में कहे तो रेवड़ी कल्चर..जिसको अपनाने वाले सियासी दल भी कभी हिचकते नहीं है. चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी सभी दलों के नेता फ्री विनिंग फॉर्मूला के जरिए मैदान में उतरने को तैयार है.
बीजेपी ने साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए मिश्रित फॉर्मूला अपनाया है. उसने एमपी के लिए अपनी पहली लिस्ट में 28 उम्मीदवारों को दोहराया है, जबकि छत्तीसगढ़ में केवल एक को, बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में ज्यादातर नए चेहरों को तरजीह दी है. घोषित उम्मीदवारों को देखें तो कि पार्टी ने इस बार जाति समीकरणों पर भरपूर दांव लगाया है और कई ओबीसी को चुनावी मैदान में उतारा है. हालांकि अभी राजस्थान को लेकर कोई लिस्ट नहीं आई है. सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में भी बीजेपी के लिहाज से अति कमजोर 19 सीटों का ऐलान भी पहले ही होना था, लेकिन प्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण नियुक्तियों के न होने के चलते ऐसा नहीं हो पाया. बताया जाता है कि इन सीटों पर उम्मीदवारी का ऐलान कभी भी हो सकता है.
तीन राज्यों को लेकर कांग्रेस भी पीछे नहीं है. पार्टी में बड़े पैमाने पर उम्मीदवारी को लेकर मंथन चल रहा है. लेकिन इस बीच चुनावी घोषणाओं की बात भी सुनाई देने लगी है. जिसके बारे में आगे बताएंगे लेकिन उससे पहले सीटों का गणित भी समझ लेते हैं. अगर तीन राज्यों की बात करें तो
मध्य प्रदेश
बीजेपी की सीटें 126
कांग्रेस की सीटें 96
छत्तीसगढ़
कांग्रेस की सीटें 71
बीजेपी की सीटें 14
राजस्थान
कांग्रेस की सीटें 100
बीजेपी की सीटें 72
मध्य प्रदेश में बीजेपी का घोषणा पत्र
अब बात करते हैं चुनावी वादों की. सबसे पहले बात एमपी की. मध्य प्रदेश में बीजेपी के घोषणा पत्र आने के पहले कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में 5 गारंटी लाने की घोषणा की है. इसमें बिजली बिल माफ, किसानों के कर्ज माफी, ₹500 में गैस सिलेंडर ओर लाडली बहना को 1500 महीने देने का वादा है. हालांकि बीजेपी में अब इन वादों से आगे कोई बड़ी घोषणा करने के फेर में है और इसी पर मंथन चल रहा है. कांग्रेस की 5 गारंटी का तोड़ निकालने के लिए जनता के बीच ऑनलाइन और ऑफलाइन भी बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता पहुंच रहे हैं. पार्टी का लक्ष्य दस लाख लोगों से फीडबैक लेने का है. मौजूदा वक्त की बात करें तो एमपी में कई ऐसी योजनाएं चल रही है जो रेवड़ी कल्चर में आती है. जैसे-लाडली बहना योजना, मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना से लेकर तमाम योजनाएं चलाई जा रही है.
राजस्थान में कांग्रेस ने मुफ्त बिजली का खेला दांव
राजस्थान की बात करें तो विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने पूरी तरह से तैयार है. फिर से सरकार बनाने के लिए अब मुफ्त बिजली का दांव खेला है. राशन, बिजली से लेकर कई तरह की फ्री घोषणाएं गहलोत सरकार ने की है, हाल ही में इंदिरा गांधी मुफ्त स्मार्टफोन योजना के तहत फ्री स्मार्टफोन दिया जा रहा है. जो कि 40 लाख महिला लाभार्थियों को मिलेगा, राजस्थान में कांग्रेस की फ्री बिजली, मोबाइल, सस्ता सिलेंडर योजनाओं के असर को कम करने के लिए बीजेपी ने अलग प्लान तैयार किया है. जिसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को घोषणा पत्र समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है. जबकि वसुंधरा राजे का समिति में नाम नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजस्थान में बीजेपी हर जिले का अलग घोषणा-पत्र बनाने की तैयारी कर रही है. पार्टी नेताओं का तर्क है कि भौगोलिक और सामाजिक दृष्टि से राजस्थान के हर जिले में अलग-अलग राजनीतिक समीकरण है. हर क्षेत्र में इश्यू भी अलग-अलग है. एक घोषणा पत्र में सभी क्षेत्रों को साधना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में बीजेपी की तैयारी है कि संपूर्ण राजस्थान को प्रभावित करने वाले मुद्दों का प्रदेश स्तरीय घोषणा पत्र बनाया जाए, जबकि स्थानीय स्तर पर हर जिले का अलग घोषणा-पत्र बनाया जाए.
रेवड़ी कल्चर को लेकर सवाल
एक ओर जहां विपक्ष सरकार पर रेवड़ी कल्चर को लेकर सवाल खड़े करता है तो दूसरी ओर खुद रेवड़ी बांटने में लगा हुआ है. मौजूदा वक्त में गहलोत सरकार में कई ऐसे योजनाएं है जो रेवड़ी कल्चर में आती है. जैसे-महिलाओं को स्मार्टफोन, फ्री इंटरनेट के लिए पैसे, अन्नपूर्णा फूड पैकेट, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा, 100 यूनिट फ्री बिजली से लेकर कई योजनाएं चलाई जा रही है. अब बात छत्तीसगढ़ की जहां अभी कोई वादे नहीं किए गए है लेकिन अभी से कांग्रेस और बीजेपी दोनों इस पर विचार करने में लगी है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र के लिए जनता से ई-मेल के जरिए सुझाव मांगे है. ऐसे सुझाव जो पार्टी को पसंद आएंगे, उन्हें वे अपने घोषणा पत्र में शामिल करेंगे. इसके लिए कांग्रेस ने ई-मेल आईडी जारी की है, cgpccryp.2018@gmail.com इस आईडी पर अपने सुझाव 31 अगस्त तक दे सकते हैं. हालांकि बीजेपी के कार्यकर्ता अब खुद चुनावी मैदान में उतरकर लोगों से सुझाव ले रहे हैं. जिसके बाद फैसला किया जाएगा और घोषणा पत्र में उन मुद्दों को रखा जाएगा जो जनता के हित में है. छत्तीसगढ़ में भी वोटरों को लुभाने के लिए लोकलुभावने वादों का दौर शुरु हो चुका है.
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