देश में इस साल मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं तो अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024)। इन चुनाव को देखते हुए पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत बीजेपी नेता I.N.D.I.A गठबंधन के सहयोगियों पर वंशवाद की राजनीति के लिए टारगेट करते रहते हैं। जेपी नड्डा ने हाल ही में कहा था कि इंडिया गठबंधन का मकसद देश को नहीं बल्कि अपने परिवार को आगे बढ़ाना है। लेकिन, इस सिक्के का दूसरा पहलू ये है कि जेडीएस की एंट्री ने वंशवाद को लेकर बीजेपी के रुख पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। क्योंकि जेडीएस के साथ ही बीजेपी के 13 सहयोगियों की राजनीति वंशवाद पर टिकी हुई है। सच ये है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन में शामिल ज्यादातर पार्टियां परिवारवाद के घेरे में हैं। जाति आधारित इन दलों के पास अपना वोट बैंक है, इस कारण पीएम मोदी और बीजेपी उन्हें इग्नोर नहीं कर सकते। आइए जानते हैं उन्हीं पार्टियों के बारे में विस्तार से...
जेडीएस
हाल ही में जेडीएस ने बीजेपी गठबंधन में शामिल होने का ऐलान किया है। इस पार्टी की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने की थी। एचडी देवेगौड़ा राज्यसभा सांसद हैं। देवेगौड़ा के दो बेटे एचडी कुमारस्वामी और एचडी रेवन्ना विधायक हैं, जबकि रेवन्ना के बेटे प्राज्वल सांसद हैं। कुमारस्वामी के बेटे निखिल लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि वो जीत नहीं पाए। 2019 में देवगौड़ा परिवार से तीन लोग चुनावी मैदान में थे।
शिवसेना
महाराष्ट्र में शिवसेना की कमान अभी एकनाथ शिंदे के पास है। शिंदे खुद मुख्यमंत्री हैं और उनके बेटे श्रीकांत ठाणे सीट से सांसद हैं। शिंदे के भाई भी सियासत में काफी एक्टिव हैं। महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटें हैं। शिवसेना कोटे के कई मंत्री, विधायकों और सांसदों के परिवार स्थानीय राजनीति में एक्टिव हैं।
एनसीपी
हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एक धड़ा अजीत पवार के नेतृत्व में अलग होकर एनडीए में शामिल हो गया। अजित महाराष्ट्र के ताकतवर नेता शरद पवार के भतीजे हैं। पीएम मोदी ने एनसीपी को नेचुरल करप्ट पार्टी कहा था, लेकिन जिन लोगों पर भ्रष्टाचार और परिवारवाद के आरोप लगाए, उन्हीं को अपने साथ ले लिया। दरअसल, अजित पवार के साथ-साथ एनसीपी के धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हैं। धनंजय कद्दावर नेता गोपीनाथ मुंडे के भतीजे हैं, जबकि अदिति एनसीपी के वरिष्ठ नेता और सांसद सुनील तटकरे की बेटी हैं। अजित पवार के सहारे बीजेपी लोकसभा चुनाव में एनसीपी के वोट बैंक को एनडीए में शिफ्ट कराना चाहती है।
जननायक जनता पार्टी
एनडीए गठबंधन में हरियाणा की जननायक जनता पार्टी भी शामिल है। इस पार्टी के मुखिया अजय चौटाला हैं, जो पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के पोते हैं। अजय चौटाला के पिता ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अजय चौटाला के भाई अभय चौटाला अभी विधायक हैं। अजय के बेटे दुष्यंत हरियाणा सरकार में डिप्टी सीएम हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी
बिहार में राम विलास पासवान की पार्टी लोजपा दो गुटों में विभाजित है। पासवान के भाई पशुपति पारस के पास रालोजपा और पासवान के बेटे चिराग के पास लोजपा (आर) की कमान है। दोनों गुट बीजेपी में है। पशुपति कैबिनेट मंत्री हैं और चिराग सांसद हैं। चिराग के चचेरे भाई प्रिंसराज पासवान भी पार्टी में परिवारवाद की कड़ी हैं।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा
ऐसा ही हाल जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) का है। मांझी बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन पार्टी के आधिकारिक मुखिया हैं। वो नीतीश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी के भी राजनीति में आने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
एनपीपी
नेशनल पीपुल्स पार्टी भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल है। एनपीपी के चीफ कोनराड संगमा मेघालय के मुख्यमंत्री हैं। कोनराड के पिता पीए संगमा लोकसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं। कोनराड की बहन अगाथा संगमा लोकसभा सांसद हैं। कोनराड के भाई जेम्स संगमा भी मेघालय सरकार में मंत्री रह चुके हैं। कोनराड संगमा की पार्टी उत्तर-पूर्व भारत में ज्यादा एक्टिव है।
अपना दल (S)
अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल हैं, उनके पिता डॉ. सोनेलाल पटेल ने अपना दल का गठन किया था। अनुप्रिया को राजनीति विरासत में मिली है। अनुप्रिया पटेल मोदी कैबिनेट में मंत्री भी हैं। अनुप्रिया के पति आशीष पटेल योगी सरकार में मंत्री हैं।
सुभासपा
सुहेलदेव समाज पार्टी हाल ही में एनडीए में शामिल हुई है। सुभासपा के मुखिया ओम प्रकाश राजभर हैं, जो विधानसभा सदस्य हैं। ओम प्रकाश राजभर की पार्टी भी परिवारवाद से अछूती नहीं है। ओम प्रकाश के बड़े बेटे अरविंद राजभर दर्जा प्राप्त मंत्री रह चुके हैं। फिलहाल वो पार्टी के प्रधान महासचिव हैं। उनके छोटे बेटे अरुण राजभर पार्टी के मुख्य प्रवक्ता हैं।
निषाद पार्टी
संजय निषाद की निषाद पार्टी भी बीजेपी गठबंधन का हिस्सा है। निषाद पार्टी में भी परिवारवाद का बोलबाला है। संजय निषाद योगी सरकार में मंत्री हैं और उनके बेटे प्रवीण निषाद संतकबीरनगर से बीजेपी सांसद हैं।
इन पार्टियों में भी परिवारवाद हावी
एनडीए की तमिल मनीला कांग्रेस भी परिवारवाद से जन्मी पार्टी है। तमिल मनीला कांग्रेस के अध्यक्ष जीके वासन कद्दावर नेता जीके मूपनार के बेटे हैं। नगा पीपुल्स फ्रंट पार्टी में भी परिवारवाद का दबदबा है। पार्टी के अध्यक्ष नेफ्यू रियो खुद मुख्यमंत्री हैं। उनके भाई झेलियो रियो भी नागालैंड सरकार में मंत्री रह चुके हैं। जहां एक तरफ कांग्रेस सहित विपक्ष यानी INDIA अपनी 'स्पेशल 26' के साथ बीजेपी को केंद्र से हटाने की तैयारी में है। वहीं, बीजेपी NDA के 38 दलों के साथ हैट्रिक लगाने की फिराक में है।
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