आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नौकरियों को छीन लेगा, ये लगातार बहस का मुद्दा है। बीते समय में नेशनल न्यूज चैनल पर एआई न्यूज एंकर को इंट्रोड्यूस किया, फिर ओडिशा में लीसा नाम की पहली एआई जनरेटेड रीजनल एंकर भी चर्चा जोरों पर रही। जानकार बताते हैं कि एआई की वजह से एक बड़े पैमाने पर लगातार लोगों की नौकरी खतरे में है, उदाहरण के लिए ई-कॉमर्स स्टार्टअप दुकान ने अपने 90 परसेंट एम्प्लॉइज को काम से निकाल दिया, कारण था वो एम्प्लॉइज एआई से रिप्लेसएबल थे, यानी कि एआई वो काम कम लागत में कर सकता था और मुनाफा किसे नहीं पसंद। इसीलिए ही आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस या चैट जीपीटी को खतरा माना जा रहा है। आसान शब्दों में हम एआई को कृत्रिम दिमाग बोल सकते हैं।
इस कृत्रिम दिमाग से इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को जोरदार झगटा लग सकता है, जो सिर्फ हजारों में नहीं बल्कि कई लाखों में लोगों की नौकरियों पर संकट पैदा कर देगा, इसीलिए दुनियाभर में सबसे ज्यादा कंटेंट क्रिएट करने वाली फिल्म इंडस्ट्री हॉलीवुड हड़ताल पर है। इस हड़ताल में पहले राइटर्स और फिर ऑस्कर अवॉर्ड जीत चुके एक्टर्स भी इसमें शामिल हो चुके है। हालांकि उनकी और भी डिमांड है। हॉलीवुड में ये हड़ताल क्यों हो रही है, इसकी मांग क्या है, ये किसके खिलाफ है।
समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, हॉलीवुड के राइटर्स -एक्टर एक ही समय पर 60 साल के बाद पहली बार हड़ताल पर हैं। स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड (SAG) जोकि करीब एक लाख 60 हजार कलाकारों को रिप्रेजेंट करता है, वो भी इसमें शामिल हो गया। 13 जुलाई को हॉलीवुड एक्टर्स के यूनियन स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड - अमेरिकन फ़ेडरेशन ऑफ़ टेलीविजन एंड रेडियो आर्टिस्ट्स (SAG-AFTRA) ने काम बंद करने की घोषणा की थी।
SAG की प्रेसिडेंट फ़्रेन ड्रेशर ने कहा- 'हमें मुश्किल फ़ैसला लेना पड़ा। ये बहुत बड़ा निर्णय था। ये गंभीर है और इंडस्ट्री में काम कर रहे हर व्यक्ति को प्रभावित करेगा। ये हमारी खुशकिस्मती है कि हम ऐसे देश में रहते हैं जो कभी मज़दूरों के प्रति हमदर्दी रखता था। लेकिन अब हमें ऐसे विरोध का सामना कर पड़ रहा है। सब्र का बांध टूट चुका है। हम मज़बूती से एक साथ खड़े हैं। आपको आंखें खोलकर देखने की ज़रूरत है। हम मज़दूर हैं और एक साथ खड़े हैं। हम सम्मान और उचित मानदेय चाहते हैं। आपको मुनाफ़ा हमारे साथ साझा करना होगा, क्योंकि हमारे बिना आपका कोई अस्तित्व नहीं है।'
खैर ये सिर्फ एक्टर्स यूनियन की बात है। राइटर्स ऑफ अमेरिका के 11 हजार से ज्यादा सदस्य मई 2023 से ही हड़ताल पर हैं। अब SAG वाले भी उनके साथ आ गए हैं। अब जानते हैं कि हड़ताल की वजह क्या हैं, तो इसकी तीन वजहें हैं। पहली सैलरी को लेकर....एक्टर्स-राइटर्स, दोनों ही अपना बेस पे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स मुताबिक, ऐसा दावा है कि सैलरी पिछले दशक की तुलना में कम हुई है।
वे स्ट्रीमिंग सर्विस से होने वाली कमाई में भी हिस्सा चाहते हैं। राइटर्स यूनियन के मुताबिक, स्टूडियोज ने ये मांग खारिज कर दी है। पहले फिल्म या शो की सफलता के हिसाब से पैसा मिल जाता था, लेकिन स्ट्रीमिंग सेवाएं डाटा शेयर नहीं करती है, इससे पर्दे के पीछे क्या डील हुई, ये पता नहीं लगता। एक्टर्स की एक और डिमांड है कि जो ऑडिशन वो खुद से रिकॉर्ड करते हैं, उसके बदले भी उन्हें पैसा मिलना चाहिए।
दूसरी मांग एआई को लेकर है। एआई के आने के बाद से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करने वाले लोग इससे रिप्लेस होने के डर में हैं। एआई राइटर्स-एक्टर्स को रिप्लेस कर देगा, तो ये उनके लिए बड़ा संकट हो जाएगा। ऐसे में राइटर्स चाहते हैं कि एआई के इस्तेमाल पर रोक लगे। हर शो में कम से कम 6 राइटर्स और मिनिमम 13 हफ़्ते के काम का भरोसा मिले।
एक और बात की चर्चा जोरों पर है कि एआई की मदद से जो एक्टर्स हमारे बीच नहीं है, उन्हें स्क्रीन पर लाया जाएगा या फिर एक्टर्स को हायर करने की बजाए उनके पुराने परफॉर्मेंस के आधार पर नया कॉंटेंट बना लिया जाएगा। वैसे सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम पर एआई जनरेटेड ये कैरेक्टर इस आशंका को पूरी हवा भी देते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा बताया गया है कि स्टूडियोज़ बैकग्राउंड परफ़ॉर्मर्स को पूरे प्रोजेक्ट के लिए हायर नहीं करना चाहते हैं। वो एक दिन की सैलरी देकर उनका डिजिटल राइट्स खरीदना और फिर पूरे प्रोजेक्ट में उनका रेप्लिका यूज करने का इरादा रखते हैं। एक्टर्स यूनियन इसका विरोध कर रही है।
ये तो हुए कारण अब जानते हैं कि ये हड़ताल हो किसके खिलाफ रही है। मेनली ये स्ट्रीमिंग सर्विसेज जैसे नेटफ्लिक्स, अमेजन, आदि के भी खिलाफ है। इनका अपना भी संगठन है, जिसे द अलायंस ऑफ मोशन पिक्चर एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स के नाम से जाना जाता है। जोकि कई बड़े शॉट स्टूडियो और प्रोडक्शन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है। ये सारी बात हुई प्रोटेस्ट करने वालो कि अब दूसरा पक्ष यानी कि जिसके खिलाफ है उनका क्या कहना है, वो भी जान लेते हैं।
डिज़्नी के CEO बॉब इगर ने यूनियंस की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है। वो बोले, एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री महामारी से हुए नुकसान से उबरने की कोशिश कर रही है। ऐसे समय में इस तरह की डिमांड्स रखना पूरी तरह से ग़लत हैं। हमने अपनी तरफ़ से बढ़िया प्रोपोजल दिया था। सैलरी बढ़ाने, डिजिटल नकल को रेगुलेट करने, हेल्थ और पेंशन में शेयर बढ़ाने समेत कई ऑफ़र दिए. लेकिन एक्टर्स यूनियन तैयार नहीं हुआ।
स्टूडियोज़ का तर्क है कि पिछले कुछ समय से लोगों ने थिएटर जाना कम कर दिया है। वो घर में टीवी देखने की बजाय स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स पर समय बिता रहे हैं। इसके कारण उनकी कमाई घटी है, शेयर में भी गिरावट आई है। एंजेलिना जोली से लेकर टॉम क्रूज तक और मेरिल स्ट्रीप से लेकर रॉबर्ट डाउनी जूनियर तक SAG के मेंबर हैं। किलन मर्फ़ी, मेरिल स्ट्रीप, मैट डेमन, बॉब ओडेनकर्क, जेनिफ़र लॉरेंस समेत कई दिग्गज कलाकारों ने खुले तौर पर हड़ताल को समर्थन दिया है। इसमे देशी गर्ल प्रियंका चोपड़ा भी शामिल है, उन्होंने इंटाग्राम पोस्ट करके इसको अपना समर्थन दिया, बता दें, विऑन (Wion) की रिपोर्ट के मुताबिक प्रियंका चोपड़ा भी SAG-AFTRA की मेंबर हैं और हड़ताल खत्म होने तक वो अपने किसी भी प्रोजेक्ट का प्रचार या शूटिंग नहीं करेंगी।
तो वहीं अमेरिकी मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, ये कलाकार सड़क पर भी उतरेंगे। साथ ही हड़ताल में पार्टिसिपेट करने वाले लोग न केवल काम से दूर हैं, बल्कि उन्होंने फिल्म फेस्टिवल, प्रमोशन, स्क्रीनिंग और अवार्ड शो जैसे कार्यक्रमों का भी बहिष्कार कर दिया है। इसके कारण फ़ेस्टिवल्स की सफ़लता ख़तरे में पड़ गई है।बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि ये हड़ताल हॉलीवुड को डुबो सकती है, इसलिए इसे ऐतिहासिक माना जा रहा है। साल 1960 के बाद पहली बार अमेरिका में राइटर्स-एक्टर्स यूनियन एक साथ हड़ताल कर रहे हैं। तब की हड़ताल को रोनाल्ड रीगन ने लीड किया था।
रीगन उस वक़्त एक्टर्स गिल्ड के प्रेसिडेंट हुआ करते थे। बाद में वो अमेरिका के राष्ट्रपति बने। एक्टर्स यूनियन ने आख़िरी बार 1980 में हड़ताल की थी, जबकि राइटर्स यूनियन ने आख़िरी बार 2007 में काम बंद करने का ऐलान किया था। 100 दिनों तक चली हड़ताल के कारण लगभग 16 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इस स्ट्राइक की वजह से कई टीवी शोज के नए ऐपिसोड्स रुक गए है, पुराने ऐपिसोड को दोबारा से दिखाया जा रहा है। कई चैनल्स को अपना शेड्यूल चेंज करना पड़ा है। डिज़्नी ने अपनी कई फ़िल्मों की रिलीज़ की तारीख़ आगे बढ़ा दी है।
अवतार-3 जो अगले साल रिलीज़ होने वाली थी, उसको 2025 तक के लिए खिसका दिया गया है। एमी अवॉर्ड्स का शेड्यूल 18 सितंबर का था हड़ताल के बाद इसे पोस्टपोन करने पर भी मंथन हो रहा है। जानकारों का कहना है कि दोनों पक्ष अपनी-अपनी मांग पर डटें है, जिसके बाद इस हड़ताल का नतीजा एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को हमेशा के लिए बदलकर रख देगा।
Comment
0 comment