हनी सिंह नहीं तो कौन है भारत का पहला रैप सिंगर?

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रैप सांग आजकल कॉमन सांग हो चुके हैं, लोग इन सांग्स को आम बोलचाल से लेकर पार्टियों तक काफी कनेक्ट करते हैं। 2014 में हनी सिंह का गाना इसे कहते हैं हिप-हॉप की लाइन सोचो अगर हनी सिंह पैदा ही हुआ न होता, तो म्यूजिक इंडस्ट्री का रेवेल्यूशन ही नहीं हुआ होता काफी फेमस हुआ था। लेकिन इससे ये समझिएगा कि रैप सांग की शुरुआत इंडिया में हनी सिंह ने की। लेकिन हनी सिंह एक फेमस रैपर रहे हैं। लेकिन इंडिया का पहला रैपर कौन था और रैप सांग आखिरकार होते क्या है, तो चलिए जानते हैं 

मेनली रैप सांग्स की शुरुआत अपनी नाराजगी, तकलीफ और गुस्से को प्रकट करने से हुई थी, ऐसा माना जाता है। अब ये नाराजगी और तकलीफ सोसायटी के सिस्टम के खिलाफ से लेकर निजी जिंदगी तक से हो सकती है। वैसे रैप की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका से बताई जाती है। वहां पर लोग अपने गुस्से के इजहार के लिए ये गाने गाते थे। इसलिए ही इन गानों का फ्लों भी सबजेक्ट के हिसाब से ही होता है।

फिर लोगों को इस तरह के गाने पसंद आने लगे और ये अमेरिकी अफ्रीकी समुदाय का एक लोकप्रिय आर्ट फॉर्म बन गया। जब लोगों के बीच ये पॉपुलर होने लगा, तो मनोरंजन इंडस्ट्री में इसके लिए जगह अपने आप ही बन गई। रैप सांग की खासियत ये रही कि ये मनोरंजन से ज्यादा इनका मकसद सामाजिक समस्याओं के खिलाफ गुस्सा जाहिर करने का था। 1980-1900 के समय इस तरह का संगीत रंगभेद, शोषण, गरीबी, बेकार सरकार और अपराध को दर्शाने के लिए इस्तेमाल में लाए जाते थे।

अब आते हैं भारत मे रैप की शुरूआत कैसे हुई। तो इसका जवाब है कि भारत में रैप की शुरूआत करने का श्रेय हरजीत सिंह ऊर्फ बाबा सहगल को जाता है। 90 के दशक में उन्होंने अपना पहला रैप एल्बम जारी किया, इसे MTV इंडिया पर अच्छी खासी जगह मिली। लेकिन वो गाना हिट नहीं हो सका। फिर काफी स्ट्रगल के बाद एक बार फिर उन्होंने एक एल्बम बनाया, जिसका गाना 'ठंडा-ठंडा पानी' मशहूर हुआ था। 90 के दशक में वो एक पसंदीदा सिंगर थे। हालांकि जैसा ज्यादातर चीजों को शुरुआत में आलोचनाओं से होकर गुजरना पड़ता है तो बाबा सहगल को भी अपने अंदाज के लिए मजाक का सामना करना पड़ता था, लेकिन भारत में रैप का रास्ता खोलने वाले वही हैं।

 वैसे जिक्र ये भी मिलता है कि साल 1968 में आई फिल्म आशीर्वाद का गाना रेलगाड़ी जोकि अशोक कुमार ने गाया था, वो पहला इंडियन रैप सांग था। आजकल पंजाबी रैप सांग काफी पसंद किए जाते है, तो पंजाबी युवाओं पर पाकिस्तान के अमेरिकी रैपर बोहेमिया का प्रभाव पड़ा, ऐसा माना जाता है। बोहेमिया पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी रैपर हैं। साल 2002 में उन्होंने अपना पहला एल्बम 'विच परदेसां दे' लॉन्च किया था। ये एल्बम उनकी जिंदगी से ही प्रेरित था, जिसमें उन्होंने एक देसी बच्चे के अमेरिका में बसने के सफर को बयां किया था। बोहेमिया के रैप का प्रभाव भारत के युवाओं पर खासकर, पंजाबी युवाओं पर काफी पड़ा।

इसी के साथ ही अगर इंडिया में मॉडर्न रैप की बात हो तो 'माफिया मुंडीर' का नाम न लेना बेइमानी है। 2000 के दशक में पंजाबी रैपर्स ने एक ग्रुप बनाया था, 'माफिया मुंडीर'दरअसल में उस समय बादशाह का गाना 'सोडा विस्की' काफी फेमस हुआ था। हनी सिंह ने उनके साथ काम करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद और रैपर इस ग्रुप से जुड़े लेकिन साल 2012 में कुछ विवाद के चलते कलाकारों का वो ग्रुप टूट गया और सभी ने इडिपेंडेंट होकर काम करना शुरू किया।

हालांकि अब आलम ये है कि रैप सांग इंडिया के हर बच्चा जानता है। साल 2019 में जब गली बॉय फिल्म रिलीज हुई तो एक अच्छे–खासे समूह ने फिल्म को पसंद किया। हालांकि ये फिल्म 'माफिया मुंडीर' ग्रुप के मेंबर पर आधारित बताई जाती है। वैसे इस फिल्म को ऑस्कर के लिए भारत की तरफ से नॉमिनेट किया गया था।

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