लंबे इंतजार के बाद ओएमजी-2 का ट्रेलर या यू कहिए एक अच्छा ट्रेलर आ चुका है। ट्रेलर पर बात करने से पहले फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड की सुर्खियों के बाद ये सबसे पहले क्लियर कर देना जरुरी है कि जैसा कि खबरें थी कि अक्षय कुमार के भगवान शिव के प्लॉट को बदलकर उनके भेजे दूत का कर दिया गया है।
फिल्म देखने से पहले ही सिर्फ सेक्स एजुकेशन के जिक्र के बाद से बायकॉट की मांग का जवाब ट्रेलर की शुरूआत में ही मिल गया है। क्योंकि ट्रेलर की शुरूआत में ही बता दिया कि अक्षय कुमार का रोल भगवान शिव का नहीं बल्कि उनके भेजे एक दूत है। खैर, अब ट्रेलर कैसा है इस पर बात कर लेते हैं।
ट्रेलर की शुरुआत ही एक बेहद अट्रैक्टिव सीन के साथ होती है। जो शायद ही किसी ने रिपीट करके न देखा हो। फिल्म की कहानी कांति शरण मुद्गल के सुखी परिवार की है। जो अपनी ही दुनिया मग्न एक मीडिल क्लॉस फैमिली है, लेकिन एक दिन कांति शरण के बेटे विवेक के आचरण को अनैतिक बताया जाता है और उसे स्कूल से निकाल दिया जाता है।
जिसके बाद कांति शरण शहर छोड़ने का प्लान कर लेते है लेकिन जैसा कि मेकर्स ने ट्रेलर के डिस्क्रिप्शन में लिखा है एक दैवीय हस्तक्षेप की वजह से वो जिम्मेदार लोगों को अदालत में ले जाकर न्याय की मांग करते हैं।
ट्रेलर में अक्षय कुमार, यामी गौतम, पकंज त्रिपाठी और अरुण गोविल को देखा जा सकता है। अरुण गोविल जिन्हें हम भगवान राम के अदभुत रोल को निभाने के लिए जानते हैं, वो शायद फिल्म में स्कूल के पक्ष को दिखाते हैं, जोकि नेगेटिव किरदार हो सकता है और काफी इंटरेस्टिंग हो सकता है।
ट्रेलर से इतना तो साफ हो गया है कि इस बार ये केस खुद का और खुद के खिलाफ ही है। क्योंकि अपीलकर्ता और फरियादी दोनों ही कांति शरण मुद्गल है। लेकिन इस केस की चपेट में एजुकेशन सिस्टम, सोसायटी में धर्म में अपनी सहूलियत और अपनी सोच से जो मिलावट की गई है, वो आ जाएगा। मेकर्स के मुताबिक ओएमजी-2 एक सोशल कॉमेडी ड्रामा फिल्म है। लेकिन ये फिल्म एक बार फिर से ओएमजी के पहले पार्ट की तरह ही अपना इम्पैक्ट छोड़ जाएगी।
लगातार फिल्म को लेकर सेक्स एजुकेशन और मास्टरबेशन का जिक्र था, तो मुमकिन है कि ट्रेलर में जो वायरल सीन जो सभी लोग मोबाइल पर देख रहे है, वो कांति शरण मुदकर के बेटे विवेक का हो सकता है, जिसे इममोरल एक्ट कहकर रिफरेंस किया जा रहा है, और इस बार फिल्म में सवाल एक्ट ऑफ गॉड की जगह सेक्स एजुकेशन कितना जरुरी है इस पर हो सकता है। क्योंकि ट्रेलर में एक जगह पंकज त्रिपाठी का डायलॉग है कि जिस सनातन धर्म के चार स्तंभ है, उसे आप अश्लील कह रही हैं। और किस तरह से लोगों के मोरल चेंज हो गए हैं, इस पर भी सटीक बात करने वाली है। ये कैसे लोगों पर इम्पैक्ट डालेगी, ये देखने वाली बात होगी।
फिल्म के राइटर-डायरेक्टर अमित राय है, तो इम्पैक्ट की जिम्मा जितना एक्टिंग पर डिपेंड करेगा, उतना ही राइटिंग और डायरेक्शन पर भी करेगा। अभी तक फिल्म के एक सीन को छोड़ दिया जाए, तो बाकी अच्छा रिस्पांस मिला है। बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट बताती है कि फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड के सदस्यों की राय भी पॉज़िटिव है। इस तरह का बोल्ड और अलग विषय चुनने के लिए अक्षय कुमार की भी तारीफ हो रही है। लेकिन सेंसर बोर्ड इस उलझन में है कि भारतीय जनता इतनी बोल्ड फिल्म के लिए तैयार है या नहीं।
सेंसर बोर्ड के मेंबर्स ने फिल्म देखने के बाद स्टैंडिंग ओवेशन भी दी, खड़े होकर ताली बजाई गई। लेकिन ये सारी चीजें भीतरी स्तर पर हो रहा है। बाहर इस विषय पर बनी फिल्म की ज़िम्मेदारी कोई नहीं लेना चाहता, क्योंकि ये बहुत रिस्की टॉपिक है।
इस सब के बाद फिल्म को ए सर्टिफिकेट यानी अडल्ट ओनली सर्टिफिकेट मिला है। जिसके बाद शायद कहीं न कहीं फिल्म की टारगेट ऑडियंस को लेकर फिल्म को नुकसान हो सकता है। क्योंकि कहानी उपजी ही एक स्कूल में पड़ने वाले लड़के से है।
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