डॉक्टर को धरती पर भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। लेकिन, एक ऐसा भी डॉक्टर था, जो किसी हैवान से कम नहीं था। जो दिल्ली (Delhi) की सड़कों पर चलती कैब की तलाश में रहता था। इसलिए नहीं कि कैब से वो अपनी मंजिल तक पहुंच सके, बल्कि इसलिए ताकि कैब में बैठकर ड्राइवर्स की हत्या कर सके। इस सीरियल किलर का नाम है देवेन्द्र शर्मा (Devendra Sharma)। इसके नाम पर एक-दो नहीं बल्कि 100 से ज्यादा हत्याएं दर्ज हैं।
ये कहानी है उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (Aligarh) में रहने वाले डॉ. देवेंद्र शर्मा की। डॉक्टर इसलिए क्योंकि उसने साल 1984 में आयुर्वेदिक मेडिसिन से पढ़ाई की और उसके बाद राजस्थान में क्लीनिक खोला। लेकिन, इस डॉक्टर डेथ के सिर पर लग्जरी लाइफ जीने के लिए ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने का जुनून सवार था। इसलिए 1994 में उसने गैस एजेंसी के लिए एक कंपनी में 11 लाख का इंवेस्टमेंट किया। बाद में उसे पता चला कि उसके साथ धोखा हुआ है कंपनी अचानक गायब हो गई। इसी के बाद उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखा। एक साल बाद 1995 में उसने फर्जी गैस एजेंसी खोली। अपनी फर्जी गैस एजेंसी के लिए जब उसे सिलेंडर चाहिए होते तो वो गैस डिलिवरी ट्रक लूट लेता और उसके ड्राइवर की हत्या कर देता था। ये डॉक्टर कई सालों तक ट्रक ड्राइवरों को इसी तरह निशाना बनाता रहा। इस दौरान उसने गैंग के साथ मिलकर करीब 24 मर्डर किए। आए दिन ट्रक ड्राइवरों की हत्या की खबरें आती थीं, जिसके बाद उसने ये काम छोड़ दिया, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसने अपराध करना बंद कर दिया। इसके बाद देवेंद्र शर्मा ने एक नया रैकेट शुरू किया और ये रैकेट था किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट। किडनी ट्रांसप्लांट के नाम पर वो 7 लाख रुपये लेता था। उसने 125 किडनी ट्रांसप्लांट करवाई। पैसे कमाने के लिए वो कुछ भी करने को तैयार था। वो दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में अपना रैकेट चला रहा था। जहां देवेंद्र को पुलिस की सख्ती नजर आती वो अपना काम छोड़ देता और जुर्म के दूसरे काम में शामिल हो जाता।
कैब ड्राइवर्स को बनाया निशाना
किडनी ट्रांसप्लांट के बाद तो इसने और भी खौफनाक काम को अंजाम देना शुरू किया। अब इसके निशाने पर आ चुके थे दिल्ली में कैब ड्राइवर्स। देवेंद्र और उसके गिरोह के लोग ट्यूरिस्ट होने का नाटक करते थे और कैब बुक करवाते। ये लोग उस कैब में बैठते और जब कैब किसी सूनसान जगह से गुजरती तो ड्राइवर को मारकर कैब ले जाकर बेच देते थे और ड्राइवर की बॉडी एक ऐसी नहर में फेंकता था जहां माना जाता था कि मगरमच्छ हैं। वो कई सालों तक ऐसे ही दरिंदगी करता रहा। इस शख्स को आखिरकार साल 2004 में गिरफ्तार कर लिया गया। 50 हत्याओं में वो खुद मास्टरमाइंड था। लेकिन, पुलिस ने जब जांच की तो खुलासा हुआ कि 100 से ज्यादा हत्याओं में उसका नाम जुड़ा है। इसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई और 16 साल तक राजस्थान की जेल में बंद रहा। साल 2020 में उसे 20 दिन की पैरोल मिली थी। लेकिन, वो अंडरग्राउंड हो गया था। फरार होने के बाद उसने दिल्ली में ही शादी कर ली और प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने लगा। लेकिन, कुछ समय बाद पुलिस ने उसे तलाश कर गिरफ्तार कर लिया। अब ये खतरनाक सीरियल किलर दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।
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