किसी किले से कम नहीं पीएम मोदी का प्लेन 'एयर इंडिया वन', जानें क्या है खासियत?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 दिनों की विदेश यात्रा पर अमेरिकी पहुंचे हैं, भारत के लिहाज से पीएम की ये यात्रा बेहद खास है, क्योंकि डिफेंस डील के साथ कई बड़े समझौते होने हैं। चीन, पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों की निगाहें इस यात्रा पर टिकी हुई है। पीएम मोदी अपने इस दौरे में 24 बेहद खास लोगों से मुलाकात करेंगे, इनमें नोबेल पुरस्कार विजेता, अर्थशास्त्री, कलाकार, साइंटिस्ट और बिजनेसमैन जैसे लोग शामिल हैं। इसके अलावा कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, पीएम के इस दौरे को लेकर कई बातें चर्चा में हैं। जिसमें उनका एयरक्राफ्ट बोइंग 777 यानी एयर इंडिया वन भी शामिल है।

पीएम मोदी के इस बेहद खास एयरक्राफ्ट बोइंग 777-300 ER को अमेरिका की बोइंग कंपनी ने तैयार किया है। साल 2020 में 8400 करोड़ रूपए इंडिया ने कंपनी से दो एयरक्राफ्ट खरीदे थे। इस डबल इंजन वाले विमान को भारतीय वायु सेना के हाईली ट्रेंड पायलट उड़ाते हैं। बोइंग 777 विमान 900 किलो प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। सुरक्षा और अपग्रेडेड क्वालिटी की वजह से ये एयरक्राफ्ट बेहद खास है। पीएम के अलावा इस एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल देश के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति भी करते हैं। एयर इंडिया वन में सुरक्षा के लिहाज से क्या खास है वो भी आपको बता देते हैं।

बोइंग 777 एयरक्राफ्ट बाहर से जितना खूबसूरत दिखता है...अंदर से और भी ज्यादा सुंदर है। विमान का इंटीरियर बेहद खास है, इसमें एक कॉन्फ्रेंस रूम, प्रेस ब्रीफिंग रूम, एक स्पेशल केबिन, एक मेडिकल रूम के साथ यात्रा में चलने वाले स्टाफ के लिए सीट्स मौजूद हैं। ये विमान एक बार में 17 घंटे की उड़ान भर सकता है, वो भी बिना रिफयूलिंग के।

बोइंग 777-300 ईआर में सुरक्षा का सबसे ज्यादा ध्यान रखा गया है। पीएम मोदी का Air India One एयरक्राफ्ट हवा में एक अभेद्य किला है। अमेरिका के राष्ट्रपति के 'एयर फोर्स वन' की तर्ज पर ये लार्ज एयरक्राफ्ट इन्फ्रारेड काउंटरमेशर्स  (LAIRCM) तकनीक पर काम करता है। यही कारण है कि इस विमान को मिसाइल भी नुकसान नहीं पहुंचा सकती। इसके एडवांस कम्युनिकेशन सिस्टम को कोई भी हैक नहीं कर सकता। इसमें मिड-एयर में ऑडियो और वीडियो कम्युनिकेशन किया जा सकता है। इसमें एप्रोच वार्निंग सिस्टम लगा है, जिससे मुश्किल समय में विमान का पायलट मिसाइलों पर हमला कर सकता है। इसका इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर जैमर दुश्मन के जीपीएस और ड्रोन सिग्नल को ब्लॉक कर सकता है। ये विमान एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम, 12 गार्जियन लेजर ट्रांसमिटर असेंबली, मिसाइल वार्निंग सेंसर और काउंटर-मेजर डिस्पेंसिंग सिस्टम से लैस है, जो विमान को मिसाइल और इंफ्रारेड मिसाइल से बचाती है। न्‍यूक्लियर विस्‍फोट से भी इस विमान की वायरिंग और इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स खराब नहीं होगी।

बोइंग 777 से पहले पीएम मोदी बोइंग 747 एयरक्राफ्ट से ट्रैवल करते थे, हालांकि इसमें वो खासियत नहीं थी जो बोइंग 777 में है। पीएम मोदी के अलावा अमेरिका, चीन और रूस जैसे देशों के राष्ट्रप्रमुखों के पास ऐसे शक्तिशाली विमान हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन बोइंग 747, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बोइंग 737-800 और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन IL-96 विमान का इस्तेमाल करते हैं। पीएम के बोइंग 777 एयरक्राफ्ट का रखरखाव एयरइंडिया की इंजीनियरिंग विंग करती है। ये इंदिरा गांधी के आईएएफ के सुपुर्द रहता है।  

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