रेखा की जिंदगी और उनके रिश्ते आखिर क्यों इतने उलझे रहे?

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फिल्म अभिनेत्री रेखा के 70वें जन्मदिन पर उनकी जिंदगी और उनके रिश्तों से जुड़े कुछ अनसुने किस्से

'मैं कभी नहीं चाहती थी कि एक्ट्रेस बनूं,मुझे तो मार-मार कर एक्ट्रेस बनाया गया।'

साउथ फिल्म जगत के दिग्गज एक्टर रहे जेमिनी गणेशन और तेलगू अभिनेत्री पुष्पावली की बेटी रेखा कभी अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थीं,लेकिन चेन्नई में 10अक्टूबर 1954 में जन्म के बाद से ही रेखा और पिता के बीच रिश्तों पर बर्फ जमी रही। रेखा अपने पिता के सरनेम तक का इस्तेमाल नहीं करती थीं पिता जेमिनी गणेशन को उस दौर में किंग ऑफ़ रोमांस भी कहा जाता था। रेखा की मां की गिनती भी बेहतरीन अभिनेत्रियों में होती थी। दरअसल रेखा के पिता जेमिनी ने चार शादी की थीं, लेकिन रेखा को उन्होंने अपना नाम नहीं दिया।

 

 इसका जिक्र रेखा की बायोग्राफी रेखा द अनटोल्ड स्टोरी में किया है।

'पिता के व्यवहार की वजह से ही शायद बचपन से ही रेखा को उनसे नफरत सी हो गई थी।'

 

आज कहानी रेखा कि जिन्होंने अपनी अदाकारी से बाॅलीवुड में एक अलग ही मुकाम हासिल किया। जिनके हुस्न और अदाओं पर उस दौर के साथ ही आज के दौर के युवा भी फिदा रहे और जिनकी जिंदगी भी उतनी ही रहस्यमयी रही जितने की उनके रिश्ते।  

 

 

1986 में बीबीसी को लंदन में दिए इंटरव्यू में रेखा ने बताया था कि

'मैंने तीन साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करना शुरू किया था। 13 साल की उम्र में मुंबई आ गई। पहली फिल्म सावन भादो हिट रही,लेकिन 1978 में घर फिल्म की, जो मुझे खुद से अच्छी भी लगी।'

उन्होंने इंटरव्यू में कहा था। कि

'मैं ओवर नाइट स्टार बन गई थी। काफी सालों के बाद, हां करीब 10 साल बाद ये समझ आया कि सिर्फ स्टार होना काफी नहीं, आर्टिस्ट भी बनना चाहिए।'

 

रेखा ने हिंदी समेत साउथ की फिल्मों में खूब काम किया। उन्होंने तब उस इंटरव्यू में बताया कि वे बचपन से अब तक 450 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुकी हैं। लेकिन हिंदी फिल्म जगत में 70 के दशक से ही रेखा की धाक जम चुकी थी, बड़े बड़े डायरेक्टर्स उन्हें अपनी फिल्मों में लेना चाहते थे,लेकिन रेखा की फिल्मों से ज्यादा कौतुहल उस वक्त भी और आज भी उनकी निजी जिंदगी को लेकर रहा है।

 

एक किस्सा उनकी फिल्म सिलसिला को लेकर भी है।  

1981 में यश चोपड़ा अपनी फिल्म सिलसिला की स्क्रिप्ट फाइनल कर चुके थे और उसकी कास्टिंग के लिए अमिताभ बच्चन के साथ रेखा और जया बच्चन को कास्ट करना चाहते थे,लेकिन उस दौर में रेखा और अमिताभ के अफेयर व जया और रेखा की तल्खी भी बेहद चर्चा में थी। इसलिए उन्होंने स्मिता पाटिल और परवीन बाबी को कास्ट कर लिया। 

यश चोपड़ा अमिताभ बच्चन को स्क्रिप्ट पढने को दे चुके थे। उस वक्त अमिताभ कश्मीर में कालिया फिल्म की शूटिंग कर रहे थे।

 

यश वहां पहुंचे तो अमिताभ ने उनसे पूछा की आप इसमें किसको कास्ट करने की सोच रहे हैं?  

यश चोपड़ा ने कहा, सच पूछो तो अमिताभ बच्चन, जया बच्चन और रेखा की कास्टिंग। अमिताभ कुछ पल चुप रहे फिर कहा, ऐसा करते हैं, बॉम्बे चलते हैं. वहां आप जया और रेखा दोनों से बात कर लें.

 

दोनों श्रीनगर से दिल्ली और दिल्ली से बॉम्बे फ्लाइट से साथ आए। अगले दिन यश जया से मिले और वो मान गईं. फिर उन्होंने कहा, कल शायद हम शूटिंग पर जा रहे हैं कश्मीर। जया चौंकी, तो यश बोले, हां। तुम पैम ( यश चोपड़ा की पत्नी पामेला) के साथ जाओ और कुछ साड़ियां भी खरीद लेना। जया बोलीं, ठीक है। इसके बाद यश रेखा से भी मिले और वो भी मान गईं। उन्होंने रेखा से कहा, तुम भी कुछ ड्रेस बनवाकर तीन-चार दिन में आ जाओ।

 

इसके बाद शूटिंग शुरू करने से पहले यश चोपड़ा ने रेखा और जया दोनों को अलग-अलग बुलाकर कहा, तुम मेरी दोस्त हो और ये फिल्म दोस्ती में कर रही हो, तुम दोनों को रोल पसंद हैं, मैं तो बेइमानी नहीं करूंगा न इसमें? स्क्रिप्ट तुम्हारे पास है. यार, मेरे सेट पे कुछ गड़बड़ी ना करना यार! उनका इशारा तब रेखा और जया के असल खटास भरे रिश्तों और तनाव की ओर था, लेकिन यश चोपड़ा की बात सुनने के बाद दोनों ने ही उन्हें आश्वस्त किया कि वे ऐसा कुछ नहीं करेंगी। और शूटिंग में उन्हें कोई प्राॅब्लम नहीं होगी।

 

वरिष्ठ फिल्म समीक्षक प्रदीप सरदाना बीबीसी के लिए लिखते हैं कि

 

 'रेखा और अमिताभ की पहली मुलाकात 1972 में हुई थी। जब अमिताभ की जया से शादी नहीं हुई थी। रेखा और अमिताभ 1973 में फिल्म नमक हराम में साथ आए। इसमें रेखा अमिताभ की नहीं बल्कि राजेश खन्ना के अपोजिट थी। इसलिए दोनों में कोई खास बातचीत नहीं हो सकी,लेकिन दोनों की जिंदगी एक बार फिर साथ आई, साल था 1976 और फिल्म का नाम था दो अनजाने।'

 

 यहीं पर दोनों की बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। उस वक्त रेखा 22 साल की थी और अमिताभ 34 साल के। शूटिंग के दौरान ही रेखा अमिताभ से इतना प्रभावित हुई कि उन्हें देख वह अपने डायलाॅग भी भूल जाती थीं। रेखा और अमिताभ ने साथ में कुल 14 फिल्में की। 1981 में सिलसिला के बाद साल 2015 में फिल्म आई शमिताभ,जहां अमिताभ मेन लीड में थे। जबकि रेखा का छोटा सा रोल था। दोनों का साथ में भी कोई सीन नहीं था।

अमिताभ और रेखा दोनों ही अपने रिश्तों को लेकर अलग अलग तरह से रियेक्ट करते। रेखा ने जहां खुले तौर पर रिश्ते को माना तो वही अमिताभ ने प्रेम संबंधों को कभी स्वीकार नहीं किया।

 

 

रेखा आज भी अपनी मांग में सिंदूर भरती हैं और एक सुहागन की तरह ही तैयार होती हैं,लेकिन ये सिंदूर किसके नाम का है। ये सवाल आज भी हर किसी के जहन में रहता है। रेखा ने दो बार शादी की थी,लेकिन उनकी शादीशुदा जिंदगी अच्छी नहीं रही। उन्होंने एक्टर विनोद मेहरा से 1973 में शादी की थी।

 

राइटर यासीर उस्मान की किताब रेखा एन अनटोल्ड स्टोरी के मुताबिक,

 

'विनोद मेहरा ने रेखा से भी शादी की थी। किताब के मुताबिक, कोलकाता में शादी कर रेखा, जब विनोद मेहरा के घर आईं तो विनोद की मां कमला मेहरा ने गुस्से में आकर चप्पल निकाल ली। जैसे ही रेखा उनके पैर छूने लगीं, तो उन्होंने रेखा को धक्का मारकर दूर हटा दिया। रेखा घर के दरवाजे पर खड़ी थीं और उनकी सास गालियां दे रही थीं। हालांकि, बाद में विनोद मेहरा ने बीच-बचाव किया और मां को किसी तरह समझाया। बाद में विनोद मेहरा ने रेखा से कहा था कि वो अपने घर लौट जाएं और फिलहाल वहीं रहें।'

 

हालांकि बाद में ये शादी टूट गई थी। इसके बाद एक बार फिर 1990 में रेखा ने दिल्ली के एक बिजनेसमैन मुकेश अग्रवाल से शादी की,लेकिन कुछ ही महीनों में मुकेश की भी मौत हो गई। बताया गया कि बताते हैं की उन्होंने ख़ुदकुशी की थी। बिजनेस में घाटे की वजह से वे बेहद तनाव थे,लेकिन इसके लिए भी रेखा हो की जिम्मेदार बताया गया।

 

 

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