सऊदी अरब अपनी लीग को बढ़ावा देने और खुद को फुटबॉल के नक्शे पर स्थापित करने के लिए प्लेयर्स को पैसों का लालच दे रहा है।
ब्राजील के स्टार फुटबॉलर नेमार जूनियर ने भी क्रिस्टियानो रोनाल्डो की तरह आगे बढ़ने का मन बना लिया है। 31 साल के नेमार ने फ्रेंच क्लब PSG यानी पेरिस सेंट जर्मेन से करीब 6 साल पुराना नाता तोड़कर सऊदी अरब के क्लब अल हिलाल से 2025 तक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। इस दौरान उन्हें दो साल में कुल 300 मिलियन डॉलर यानी लगभग 2500 करोड़ रुपए सैलरी के तौर पर मिलेंगे। नेमार कोई पहले खिलाड़ी नहीं हैं जो सऊदी के किसी क्लब से जुड़े हैं, इनसे पहले पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो, रियाल मैड्रिड के सुपरस्टार फुटबॉलर रहे करीम बेंज़ेमा समेत कई स्टार प्लेयर्स भी अलग-अलग सऊदी अरब के क्लब से जुड़ चुके हैं। इन सभी को यूरोप के पुराने क्लबों से तीन गुना ज्यादा सैलरी देकर सऊदी के इन क्लबों ने अपने क्लब में शामिल किया है। ऐसे में अब ये जानना बेहद जरूरी हो गया है कि तेल का खिलाड़ी सऊदी अरब खेल के मैदान में क्यों बहा रहा इतना पैसा।
पिछले 1-2 साल के रिकॉर्ड पर अगर नज़र डालें तो यूरोप के स्टार फुटबॉलर्स सऊदी अरब का रूख कर रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है पैसा। सऊदी अरब अपनी लीग को बढ़ावा देने और खुद को फुटबॉल के नक्शे पर स्थापित करने के लिए प्लेयर्स को पैसों का लालच दे रहा है। उसका मकसद बड़े प्लेयर्स को साथ लाना है, इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए वो अलग-अलग देशों, फेमस यूरोपीय क्लबों के खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़े जा रहा है।
स्टार फुटबॉलर्स जो सऊदी क्लबों में हुए शामिल
फुटबॉलर क्लब इनकम
क्रिस्टियानो रोनाल्डो अल नस्र 1831
करीम बेंज़ेमा अल इतिहाद 1820
एनगोलो कान्ते अल इतिहाद 900
सादियो माने बायर्न म्युनिख 363
कालिदू कुलिबली अल हिलाल 249
नोट- सालाना इनकम के आंकड़े करोड़ रूपए में
तेल की दुनिया के बेताज़ बादशाह सऊदी अरब के अचानक फुटबॉल में ज्यादा इन्वेस्टमेंट के पीछे एक बड़ी वजह है। सऊदी अरब की नज़र 2030 या उससे आगे के फुटबॉल वर्ल्ड कप पर है। सऊदी अरब इस वर्ल्ड कप की मेज़बानी करना चाहता है, अगर ऐसा होता है तो कतर के बाद ये दूसरा अरब देश होगा जो वर्ल्ड कप की मेजबानी के लिए आगे बढ़ रहा है। यही वजह है कि खुद को फुटबॉल की दुनिया में ट्रेंड में लाने, फैन्स के बीच पॉपुलर बनाने के लिए और खिलाड़ियों के बीच भरोसा पैदा करने के लिए सऊदी अरब ने अभी से ही काम शुरू कर दिया है।
सऊदी क्लबों में बड़े खिलाड़ियों को शामिल करने की एक बड़ी वजह ये भी है कि यूरोप और साउथ अमेरिका लीग के मुकाबले सऊदी लीग को कम आंका जाता रहा है। इसलिए बड़े फुटबॉल प्लेयर्स को खिलाकर सऊदी दिखाना चाहता है कि उसके देश की लीग का लेवल कहीं से कम नहीं है।
Comment
0 comment