वंदे भारत ट्रेनें फुल स्पीड पर क्यों नहीं चल पा रहीं?

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रेलवे एक के बाद एक देशभर में वंदे भारत ट्रेनें लॉन्च कर रहा है। नई वंदे भारत ट्रेन अब ऑरेंज, व्हाइट और ब्लैक रंग के कॉम्बिनेशन में नजर आ रही है। वंदे भारत ट्रेनें लॉन्च करने की स्पीड तो तेज है, लेकिन रेलवे ट्रैक पर ये ट्रेन औसतन 100 की स्पीड पर भी नहीं चल पा रही है। ये हम नहीं कह रहे ये एक RTI में रेलवे की ओर से जवाब दिया गया है, जबकि इन ट्रेनों का किराया शताबदी और राजधानी से ज्यादा है। ऐसे में इस ट्रेन की स्पीड को लेकर सवालिया निशान उठते हैं कि क्या दिक्कत ट्रेन में है या वजह कुछ और ही है? 

देश में इस समय कुल 25 रूटों पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं और आने वाले समय में कुछ और रूटों पर भी वंदे भारत ट्रेनें चलने वाली हैं। कुछ रूट पर तो वंदे भारत की एवरेज स्पीड राजधानी, शताब्दी और दूसरी एक्सप्रेस ट्रेनों से भी खराब है। ये सेमी हाई स्पीड ट्रेनें हैं। इस ट्रेन की टॉप स्पीड 180 किमी प्रति घंटा है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। 1 मिनट से भी कम समय में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में सक्षम वंदे भारत एक्सप्रेस की एवरेज स्पीड 94.60 किलोमीटर प्रति घंटा है। अभी तक जो वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं उनमें सबसे तेज स्पीड दिल्ली से वाराणसी रूट पर वंदे भारत की है। ये ट्रेन 757 किमी की दूरी सिर्फ आठ घंटे में तय करती है। मतलब कि ट्रेन की एवरेज स्पीड 96.37 किमी प्रति घंटे ही है। वहीं रानी कमलापति वंदे भारत की औसत स्पीड 95.89 किमी प्रति घंटा है,लेकिन सारी वंदे भारत इतनी किस्मत वाली नहीं हैं। ज्यादातर वंदे भारत 70 से 90 के एवरेज स्पीड के बीच ही झूल रही हैं। सबसे कम स्पीड वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मुंबई-शिरडी वंदे भारत है, इस रूट पर मैक्सिम स्पीड 110 है, जबकि एवरेज स्पीड 64 किमी प्रति घंटा है। मतलब साफ है, हमने एक बेहतर ट्रेन तो बना ली है, लेकिन उसे पूरी क्षमता से चलाने के लिए हमारे पास पटरियां नहीं हैं। 

 आ रहा है वंदे भारत ट्रेन का स्लीपर वर्जन

 अभी तक वंदे भारत ट्रेन में केवल चेयरकार हैं, लेकिन इंडियन रेलवे जल्द ही इसका स्लीपर वर्जन लाने वाला है। इसके अलावा वंदे भारत ट्रेन अब नए रंग में दिखेगी। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वंदे भारत ट्रेन का नया ऑरेंज रंग तिरंगे से लिया गया है। रेल मंत्री ने ट्विटर पर नई वंदे भारत ट्रेनों की फोटोज शेयर करते हुए बताया कि वंदे भारत ट्रेन में 25 नए डेवलपमेंट किये गए हैं। रेल मंत्री ने कहा, हमें जो भी जमीन पर उतरी वंदे भारत ट्रेन से फीडबैक मिल रहे हैं, उन सभी पर हम काम कर रहे हैं। हमने कई और चीजों पर भी चर्चा की हैं। एक नए सेफ्टी फीचर एंटी क्लाइम्बर्स पर भी काम कर रहे हैं।

RTI के तहत मिला जवाब

मध्य प्रदेश के चंद्र शेखर गौर नाम के शख्स ने एक RTI दायर की थी, जिसके जवाब में जानकारी सामने आई कि साल 2021-22 में वंदे भारत ट्रेनों की एवरेज स्पीड 84.48 किमी प्रति घंटा थी, जबकि साल 2022-23 में ये स्पीड 81.38 किमी प्रति घंटा रह गई। कई मीडिया रिपोर्ट्स में रेलवे प्रशासन के अधिकारियों ने भी कहा है कि भले ही वंदे भारत ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 130 या 160 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई हो, लेकिन देश की ज्यादातर जगहों पर इस स्पीड से ट्रेनें नहीं चल पा रही हैं और इसकी कई वजहें भी हैं जैसे कॉशन, धीमे टर्न आउट्स, पटरियों के किनारे फेंसिंग और सिग्नल। 

सबसे बड़ी बात ये है कि हमने 180 किमी की क्षमता वाली ट्रेन बना तो ली है, लेकिन हमारे पास इस स्पीड से ट्रेन चलाने के लिए ज्यादातर रूट पर ट्रैक ही नहीं है। ऐसे में मजबूरन सरकार को मैक्सिमम स्पीड 130 रखनी पड़ी। जब तक वंदे भारत चलाने लायक ट्रैक नहीं बनेंगे, तब तक इस ट्रेन को चलाने का मकसद पूरा नहीं हो पाएगा। इसलिए जितनी जरूरी नई ट्रेन है, उतना ही जरूरी नया और एडवांस ट्रैक भी है। तभी भारत को वंदे भारत का असली फायदा लोगों को मिलेगा। 

पिछले 10 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में हूं। वैश्विक और राजनीतिक के साथ-साथ ऐसी खबरें लिखने का शौक है जो व्यक्ति के जीवन पर सीधा असर डाल सकती हैं। वहीं लोगों को ‘ज्ञान’ देने से बचता हूं।

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