अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर को दुनिया में सबसे घातक हेलिकॉप्टर माना जाता है। इस हेलिकॉप्टर से इंडियन एयरफोर्स पहले से ही लैस है वहीं अब जल्द ही ये इंडियन आर्मी के पास भी होंगे। टीबीएएल यानी टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड ने छह AH-64 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों के लिए पहला फ्यूजलेज डिलीवर किया। इन हेलिकॉप्टर्स को अमेरिकी कंपनी बोइंग बनाती है।
बोइंग AH-64 अपाचे अमेरिका का अडवांस्ड लड़ाकू हेलिकॉप्टर है। ये हेलीकॉप्टर अपने आगे लगे सेंसर की मदद से रात में उड़ान भर सकता है। इसने पहली उड़ान 30 सितंबर 1975 में भरी, लेकिन इसे अमेरिकी सेना में साल 1986 में शामिल किया गया। अमेरिका ने अपने इस अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर को पनामा से लेकर अफगानिस्तान और इराक तक के साथ दुश्मनों से लोहा लेने में इस्तेमाल किया। US आर्मी के अलावा इजरायल, नाटो देश, इजिप्ट और नीदरलैंड की सेनाएं भी इस अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करती हैं। अमेरिकी कंपनी बोइंग की भारत में टाटा के साथ पार्टनरशिप है। बोइंग की पार्टनर टाटा भारत में अपाचे का फयूचे लार्ज यानी ढांचा बनाने पर काम कर रही है। AH-64 अपाचे हेलीकॉप्टर का फयूचे लार्ज हैदराबाद स्थित टाटा बोइंग एयरोस्पेस की ओर से बनाया गया। सेना ने जितने अपाचे हेलिकॉटर्स का ऑर्डर दिया है। उसके फयूचे लार्ज को इस साल फरवरी में ही तैयार कर अमेरिका के एरिजोना में बोइंग के प्लांट में भेज दिया गया है। छह AH-64 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर फरवरी से अप्रैल 2024 के बीच भारत को डिलीवर किए जाएंगे। हालांकि बोइंग AH-64 अपाचे एयरफोर्स के अपाचे से अलग होगा। इसमें तीन लॉग बो रडार वाले होंगे और एयर टू ग्राउंड मिसाइलें ज्यादा होंगी। इसमें इंडियन आर्मी के हिसाब से कई बदलाव भी किए जाएंगे।
भारतीय सेना की क्षमता होगी मजबूत
इंडिया में ही बनाया गया प्रचंड हेलिकॉटर का एक तरह से बड़ा भाई है। क्योंकि इसकी क्षमताएं प्रचंड से काफी ज्यादा हैं। आर्मी ने 90 प्रचंड लाइट कॉबेट हेलिकॉटर के भी ऑर्डर दिए हैं। इस हेलिकॉप्टर को अमेरिकी सेना के अडवांस्ड अटैक हेलिकॉप्टर प्रोग्राम के लिए बनाया गया था। अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर करार में सिर्फ हेलीकॉप्टर ही नहीं बल्कि नाइट विजन सेंसर, जीपीएस गाइडेंस, सैकड़ों हेलफायर एंटी-आर्मर और हवा से हवा में मार करने वाली स्टिंगर मिसाइलों की बिक्री भी शामिल है। कहा जा रहा है कि अगले साल आर्मी 11 अपाचे खरीदने का ऑर्डर दे सकता है।
दुश्मनों की किलेबंदी भेदने में हैं माहिर
अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर में दो जनरल इलेक्ट्रिक T700 टर्बाेशैफ्ट इंजन हैं। इंडियन आर्मी लंबे वक्त से लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के तीन स्क्वाड्रन की मांग कर रही है। आर्मी का कहना है कि इनके मिलने से वो जरूरत पड़ने पर पूरी ताकत और क्षमता के साथ दुश्मन के इलाके पर हमला कर सकती है। बोइंग ने 2020 में इंडियन एयरफोर्स के लिए 22 अपाचे के पूरे बेड़े की डिलीवरी पूरी कर ली थी। फिलहाल, अपाचे को दुनिया का सबसे खतरनाक अटैक हेलिकॉप्टर माना जाता है।
AH-64 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर की खासियत
लंबाई 48.16 फीट
ऊंचाई 15.49 फीट
कुल वजन 6,838 किग्रा
अधिकतम टेकऑफ़ वजन 10,432 किग्रा
रेट ऑफ क्लाइंब 2,800 फीट प्रति मिनट
स्पीड 279 किलोमीटर प्रति घंटा
सर्विस सीलिंग 20,000 फीट
16 हेलफायर मिसाइलें, 76 2.75-इंच रॉकेट
30 MM गन
रेट ऑफ फायर प्रति मिनट 600-650 राउंड
भारतीय सेना को मिलेगी नई ताकत
अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर में हेलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलें लगी हैं। इसमें फिट सेंसर दुश्मनों को आसानी से तलाश कर उन्हें खत्म कर सकता है। नाइट विजन सिस्टम भी इंस्टॉल हैं। इसमें हेलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलें लगाई गई हैं। जो बिना भटके और राडार की पकड़ में आए दुश्मन के टारगेट को हिट कर सकती हैं। अमेरिका इराक और अफगानिस्तान में इनका इस्तेमाल कर चुका है। इसमें पायलटों के बैठने के लिए दो सीटें होती हैं। इस हेलिकॉप्टर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह युद्ध क्षेत्र की हर परिस्थिति में टिका रह सके। अपाचे हेलिकॉप्टर का सबसे क्रांतिकारी फीचर है इसका हेल्मेट माउंटेड डिस्प्ले, इंटिग्रेटेड हेलमेट और डिस्प्ले साइटिंग सिस्टम, जिसकी मदद से पायलट हेलिकॉप्टर में लगी ऑटोमैटिक M230 चेन गन को अपने दुश्मन पर टारगेट कर सकता है। किसी भी तरह का मौसम हो, किसी भी तरह की परिस्थिति हो, अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर दुश्मनों को नहीं बख्शता। इन हेलिकॉटर्स को सेना चीन और पाकिस्तान के बॉर्डर पर तैनात करेगी।
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