दुनिया भर में भारत की बढ़ती साख और कूटनीति का असर अब जमीन पर दिख रहा है. बेशक भारत अब तक दुनिया में सर्वाधिक हथियार खरीदने वाले देशों में रहा है, लेकिन बीते कुछ सालों में 'मेक इन इंडिया' से अब वो निर्यात करने वालों की लिस्ट में 24वें पायदान पर आ चुका है. हथियारों की दुनिया में मेक इन इंडिया प्रोडक्ट को लेकर कई देशों ने दिलचस्पी दिखाई. भारत इस समय 85 देशों को हथियार एक्सपोर्ट कर रहा है. फाइनेंशियल ईयर 2022-2023 में करीब 16 हजार करोड़ के हथियार और गोला बारुद एक्सपोर्ट किए. पिछले सात सालों में निर्यात में करीब 10 गुना उछाल आया है. अब खबर है कि अर्जेंटीना भी भारत के साथ एक बड़ा रक्षा सौदा कर सकता है.
अर्जेंटीना के डिफेंस मिनिस्टर जॉर्ज एनरिक तायाना भारत के दौरे पर है. इस दौरान उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. दोनों के बीच Defense Industrial Partnership को लेकर चर्चा हुई. बैठक के बाद अटकलें तेज हैं कि Argentina BrahMos और Tejas जैसे Indian Military Weapons और हार्डवेयर खरीदने में दिलचस्पी ली है. अगर ऐसा होता है तो ये एक बड़ी डिफेंस डील होगी.
एनरिक तायाना ने ब्रह्मोस मिसाइल बनाने वाली फैसिलिटी का भी दौरा किया. जहां इस मिसाइल का निर्माण कार्य भारत और रूस मिलकर कर रहे है. ऐसा नहीं कि अर्जेंटीना को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने अपनी ओर खींचा है. इससे पहले भी ब्राजील, चिली समेत कई दक्षिण अमेरिकी देशों का ध्यान ब्राह्मोस ने खींचा है. ब्राजील में हाल ही में हुए डिफेंस एक्सपो में कई देशों ने ब्रह्मोस स्टैंड का दौरा किया और इस मिसाइल को लेकर दिलचस्पी दिखाई थी. हालांकि फिलीपींस तो ब्रह्मोस मिसाइल के लिए ऑर्डर दे चुका है और इसकी डिलीवरी इस साल के अंत में शुरू होने की उम्मीद है. ब्रह्मोस मिसाइल की खूबियों को कम नहीं आंका जा सकता. इसे लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों, जहाजों और जमीन से लॉन्च किया जा सकता है.
India मेन weapon सिस्टम में से तेजस फाइटर जेट्स, Dhruv Choppers, ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों और सतह से हवा में मार करने वाली Akash Missile Systems को मित्र देशों को एक्सपोर्ट करने का इच्छुक है. छोटे हथियारों में आंसू गैस लॉन्चर, टोरपीडो लोडिंग सिस्टम, अलार्म मॉनिटरिंग एंड कंट्रोल, नाइट विजन, बख्तरबंद वाहन, हथियार तलाशने वाले रडार, एचएफ रेडियो और तटीय रडार प्रणाली जैसे छोटे हथियार 75 देशों को बेचता है.
PIB के मुताबिक, देश फिलहाल 85 से अधिक देशों को हथियार एक्सपोर्ट कर रहा है. NBT की खबर के मुताबिक
म्यांमार के डिफेंस इक्विपमेंट इंपोर्ट में 17% हिस्सेदारी भारत की है, श्रीलंका भारत के हथियार निर्यात का 25% हिस्सा खरीदता है, आर्मेनिया भारत के हथियार निर्यात का 11% हिस्सा खरीदता है, सऊदी अरब अपनी हथियार खरीद का 25% भारत से लेता है, मॉरीशस अपनी हथियार खरीद का 22% भारत से लेता है
आंकड़ों के मुताबिक
बीते सालों में हथियार एक्सपोर्ट
2016-2017- 1521.91 करोड़ रु
2017-2018- 4682.36 करोड़ रु
2018-2019- 10745.77 करोड़ रु
2019-2020- 9115.55 करोड़ रु
2020-2021- 8434.84 करोड़ रु
2021-2022- 12,814 करोड़ रु
2022-2023- 15,920 करोड़ रु
भारत के प्रमुख हथियार
सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस
अग्नि और पृथ्वी मिसाइल
पिनाका रॉकेट लॉन्चर
आकाश, अस्त्र और नाग मिसाइल
तेजस लड़ाकू विमान
ध्रुव और प्रचंड हेलिकॉप्टर
अर्जुन टैंक
Indigenous ATAGS आर्टिलरी गन
भारत-रूस के साथ मिलकर कलाश्निकोव सीरीज की एके 203 राइफल बनाएगा और एक्सपोर्ट करेगा, भारत ने स्वीडन की साब कंपनी के साथ कार्ल गुस्ताफ राइफल बनाने का भी करार कर लिया है. प्राइवेट सेक्टर की लगभग 50 भारतीय कंपनियों ने Defense Exports में Contribution किया है. डिफेंस प्रोड्क्ट्स का एक्सपोर्ट इटली, मालदीव, श्रीलंका, रूस, फ्रांस, नेपाल, मॉरीशस, श्रीलंका, इज़राइल, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, इथियोपिया, सऊदी अरब, फिलीपींस, पोलैंड, स्पेन और चिली में हो रहा है.फाइनेंशियल एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, 'ब्रह्मोस अर्जेंटीना के लिए महत्वपूर्ण है. इस प्रणाली के जरिए अर्जेंटीना अपने क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ा सकता है'
HAL ने 2021 में एक ग्लोबल टेंडर को भरा था. जिसमें LAC तेजस को खरीदने की मलेशिया ने इच्छा जताई थी. मलेशिया ने 18 फाइटर लीड-इन ट्रेनर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के आपूर्ति की मांग की थी. लेकिन कुछ समय बाद भारत की इस डील को झटका लगा और ये डील दक्षिण कोरिया को दे दी थी. 920 मिलियन डॉलर के सौदे के लिए तेजस की जगह दक्षिण कोरियाई FA-50 जेट फाइटर का सेलेक्शन किया था.
बता दें दुनिया में लगातार टेक्नोलॉजी बढ़ रही है. ऐसे में राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए भी अत्याधुनिक तकनीक का होना महत्वपूर्ण हो जाता है. क्रूज मिसाइलें रणनीतिक रूप से लाभकारी हैं, जो लंबी दूरी तक सटीक हमला कर सकती हैं और Expedited Process को सक्षम बनाती हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अर्जेंटीना अपनी एयरफोर्स को मजबूत बनाने के लिए 14 तेजस विमान खरीदने पर विचार कर रहा है. हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. दूसरे देशों की बढ़ती भारत के हथियारों के प्रति दिलचस्पी कई मायनों में है. ये कहना अब गलत नहीं होगा कि वो दिन जल्द ही आने वाला है जब भारत पूरी तरह से स्वदेशी हथियारों से सुसज्जित हो जाएगा. डिफेंस सेक्टर में देश तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा है. कई दूसरे देशों को हथियारों का एक्सपोर्ट करना इसका बड़ा उदाहरण है.
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