8 जुलाई 2022
दिल्ली के LG वीके सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी जाती है. इस रिपोर्ट में नई शराब नीति का पूरा लेखा-जोखा होता है. दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर कई गंभीर आरोप लगते हैं. रिपोर्ट के आधार पर LG CBI जांच की सिफारिश करते है.
17 अगस्त 2022 को CBI केस दर्ज करती है. इसमें मनीष सिसोदिया, 3 पूर्व सरकारी अफसर और दो कंपनियों को आरोपी बनाया जाता है. इस घोटाले में चूंकि पैसों की हेराफेरी भी हुई, इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ED भी इसमें शामिल होती है, CBI के बाद ED भी केस दर्ज करती है. कथित शराब घोटाले में इस साल 26 फरवरी को CBI मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लेती है. जांच आगे बढ़ती है.
सिसोदिया के बाद कई और लोग जांच के दायरे में आते हैं. जिनमें सबसे बड़ा नाम आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह का होता है. जिनके घर 4 अक्टूबर को ED दस्तक देती है. करीब 10 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है. अब दोनों नेता जेल में है. संजय सिंह की गिरफ्तारी में दिल्ली के बड़े कारोबारी दिनेश अरोड़ा की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है. दिनेश अरोड़ा राधा इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर हैं. दिनेश को मनीष सिसोदिया का बेहद करीबी बताया जाता है. अब ऐसे में ये भी जानना बेहद जरूरी है कि आखिर कौन है दिनेश अरोड़ा और क्या थी दिल्ली की शराब नीति जिसको दिल्ली सरकार ने बनाया तो रेवेन्यू बढ़ाने और शराब की कालबाजारी रोकने के लिए था लेकिन ये पॉलिसी अब सरकार के ही गले ही हड्डी बन गई है.
बता दें दिल्ली शराब घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी वैसे-वैसे नए किरदार सामने आते रहे.व्यवसायी विजय नायर, समीर महेंद्रू, अमित अरोड़ा, राघव माटुंगा, पी शरत रेड्डी, अभिषेक बोनापल्ली, बुची बाबू, विनायक बाबू, गौतम मल्होत्रा, राजेश जोशी आरोपी बनाए गए, इनकी गिरफ्तारियां भी हुईं. तीन आरोपी दिनेश अरोड़ा, राघव माटुंगा और शरत रेड्डी सरकारी गवाह बन गए. जो हाल फिलहाल जमानत पर है. इस मामले में संजय सिंह को मिलाकर अब तक कुल 22 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. माना जा रहा है कि मामले में अन्य व्यवसायियों के साथ आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेता के नाम आ सकते है जैसा की BJP ने दावा किया है.
क्या थी नई शराब नीति?
22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया था. 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई.
नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई. और पूरी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गई.
नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी.
हालांकि, दिल्ली सरकार की ये नीति जल्द ही मुश्किल में पड़ गई. दिल्ली पुलिस की Economic Offenses Wing और दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने मामले में गड़बड़ी का अंदेशा जताया.
जुलाई 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर मनीष सिसोदिया पर नियमों को तोड़ने-मरोड़ने और शराब के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ प्रदान करने का आरोप लगाया.
रिपोर्ट में क्या थे आरोप ?
मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि कोविड का बहाना बनाकर मनमाने तरीके से 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी.
आरोप लगा कि एयरपोर्ट जोन में लाइसेंसधारियों को 30 करोड़ वापस कर दिए गए, जबकि ये रकम जब्त की जानी थी, क्योंकि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी थी.
एक्साइज डिपार्टमेंट ने बिना किसी मंजूरी के विदेशी शराब की कीमतें तय करने का फॉर्मूला संशोधित किया और बीयर पर 50 रुपये प्रति पेटी की एक्साइज ड्यूटी हटा दी.
आरोप यहीं खत्म नहीं हुए. सिसोदिया पर ये भी आरोप लगा कि उन्होंने बिना किसी मंजूरी के एक्साइज पॉलिसी को दो बार- 1 अप्रैल से 31 मई और 1 जून से 31 जुलाई तक बढ़ा दिया.
रिपोर्ट सामने आने के बाद राज्यपाल ने CBI जांच के आदेश दिए. जिसके बाद सीबीआई ने 19 अगस्त को मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी.
कैसे फंसे सिसोदिया?
CBI ने आरोपियों पर आपराधिक साजिश रचने और एंटी करप्श एक्ट के तहत केस दर्ज किया है.
इनमें तीन पूर्व सरकारी अफसर समेतअमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे को भी आरोपी बनाया गया है. इन तीनों को सिसोदिया का करीबी माना जाता है.
आरोप है कि तीनों ने आरोपी सरकारी अफसरों की मदद से शराब कारोबारियों से पैसा इकट्ठा किया और उसे दूसरी जगह डायवर्ट किया.
बाद में दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बन गया. जिसके बाद मुश्किलें बढ़ती गई. संजय सिंह की गिरफ्तारी के पीछे भई दिनेश अरोड़ा है. जिसके बारे में आगे आपको बताते हैं लेकिन उससे पहले आपको बता दें क्या कुछ हुआ है अब तक वो जानते हैं.
क्या कुछ हुआ अब तक इस मामले में ?
11 दिसंबर 2022 को CBI ने तेलंगाना CM की बेटी के कविता से पूछताछ की
सितंबर 2022 में ED ने शराब कारोबारी समीर महेंद्रू को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया.
सितंबर 2022 में CBI ने विजय नायर को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया.
27 फरवरी 2023 को CBI ने मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी.
16 अप्रैल 2023 को CBI ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था.
9 मार्च को ED ने पूछताछ के बाद सिसोदिया को किया गिरफ्तार.
सितंबर 2023 में CBI ने पंजाब के 10 अफसरों को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया -सूत्र
अब सवाल है कि संजय सिंह कैसे फंसे ?
संजय सिंह की गिरफ्तारी के पीछे दिनेश अरोड़ा की गवाही है.
चार्जशीट के मुताबिक, 'दिनेश अरोड़ा सबसे पहले संजय सिंह से मिला था. मनीष सिसोदिया से उसकी मुलाकात अपने रेस्टोरेंट में हुई एक पार्टी में हुई थी.
आरोप है कि संजय सिंह के कहने पर अरोड़ा ने कई रेस्टोरेंट मालिकों से बात की. अरोड़ा ने दिल्ली चुनाव के लिए पार्टी फंड जुटाया और 32 लाख रुपये का चेक सिसोदिया को सौंपा.
ED ने आरोप लगाया है कि इसके बदले संजय सिंह ने दिनेश अरोड़ा का एक मामला सुलझाया जो एक्साइज डिपार्टमेंट के पास पेंडिंग था.
कौन हैं दिनेश अरोड़ा?
दिनेश अरोड़ा दिल्ली के जाने-माने कारोबारी हैं और रेस्टोरेंट इंडस्ट्रीज का बड़े नामों में से एक हैं. उन्होंने 2009 में रेस्टोरेंट इंडस्ट्रीज में अपने कारोबार की शुरुआत की थी. इन्होंने दिल्ली के हौज खास में अपना पहला कैफे खोला था. फिर दिल्ली में कई जगहों पर रेस्तरां खोले. दिनेश ने साल 2018 के जुलाई महीने में ईस्टमेन कलर रेस्टोरेंट प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की थी.
फिलहाल लगातार ED का एक्शन जारी है. ऐसा दावा है कि अब हैदराबाद और तेलंगाना से भी कई लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है. लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि क्या इस घोटाले की आंच दिल्ली CM अरविंद केजरीवल तक पहुंचेगी या नहीं ये देखने वाली बात होगी. हालांकि इस मामले पर सियासी सरगर्मियां बढ़ गई है.
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