भीषण गर्मी और उमस का दौर जारी है. लाइट की डिमांड ऑल टाइम हाई है. वहीं घरों में लाइट न आने से एक ओर लोग परेशान हो रहे है. तो दूसरी ओर केंद्र की मोदी सरकार के एक प्रस्ताव की चर्चा खूब जोरों पर हो रही है. सोचिए अगर आपको ये कहा जाए लाइट से जुड़े काम दिन में ही निपटा लो क्योंकि रात में बिजली के पैसे ज्यादा देने होंगे तो आपको कैसा लगेगा. सुनकर थोड़ी हैरानी हो रही होगी. लेकिन ये बात 16 आने सच है. अब दिन और रात में बिजली की खपत के लिए अलग-अलग चार्ज देने की चर्चा हो रही है. यानी पीक आवर्स जैसे शाम या रात के समय बिजली के पैसे अब ज्यादा लगेंगे. इतना ही नहीं स्मार्ट मीटर वालों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा. इससे आपकी जेब पर कितना असर पड़ेगा और क्या फायदा होगा. कैसे क्या कुछ होने जा रहे है और मोदी सरकार कौन सा टैरिफ प्लान ला रही है जानते हैं.मोदी सरकार अब बिजली बिल को लेकर एक बदलाव करने जा रही है. केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी (राइट्स ऑफ कंज्यूमर) रूल्स, 2020 में संशोधन किया है और मौजूदा पावर सिस्टम में दो अहम बदलाव किया है. इसके तहत टाइम ऑफ डे (ToD) टैरिफ सिस्टम को लागू किया गया है और स्मार्ट मीटर से जुड़े प्रावधान भी आसान किए गए हैं. यानी अब आपको बिजली 20 फीसदी तक सस्ती मिल सकती है. एक ओर जहां ये फैसला राहत देने वाला है. तो वहीं दूसरी ओर थोड़ी टेंशन देने वाला भी. क्योंकि सस्ती बिजली का ये फैसला दिन में लागू होगा जबकि रात में बिजली के दाम महंगे हो जाएंगे. मिनिस्ट्री ऑफ पावर अब नए इलेक्ट्रिसिटी रूल्स लाने जा रही है. हालांकि शुरुआत में ये रूल कमर्शियल और इंडस्ट्रियल कंज्यूमर के लिए लागू होने का प्रस्ताव है जबकि बाद में सभी के लिए लागू किए जा सकते हैं.
पीक आवर्स में होती है ज्यादा डिमांड
नया सिस्टम आने से पीक टाइम के दौरान ग्रिड पर डिमांड का कम बोझ पड़ने की उम्मीद है. पीक आवर्स सुबह 6 से 9 और शाम को 6 से 9 तक होते हैं. सुबह वॉशिंग मशीन, पानी की मोटर और प्रेस आदि का इस्तेमाल लोग करते हैं. वहीं, शाम को लोग काम से घर आने के बाद एसी का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं. इस तरह सुबह और रात में बिजली की डिमांड बढ़ जाती है.
ToD टैरिफ व्यवस्था लागू होने से बिजली पीक ऑवर्स में कंज्यूमर कपड़े धोने और खाना पकाने जैसी ज्यादा बिजली खपत वाले कामों से परहेज कर सकेंगे. बिजली की कम दर वाले वक्त में इन कामों को निपटाकर उपभोक्ता अपने बिजली के बिल में 10 से 20 फीसदी तक की बचत कर सकते हैं.
इस मामले में ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह का कहना है कि ToD टैरिफ व्यवस्था बिजली प्रणाली के लिए फायदे का सौदा है. इसमें पीक आवर्स, सोलर आवर्स और सामान्य घंटों के लिए अलग-अलग टैरिफ शामिल हैं. ToD टैरिफ के बारे में जागरुकता और प्रभावी उपयोग से उपभोक्ता अपने बिजली बिल को कम कर सकते हैं. ToD नियम के तहत दिन के अलग-अलग समय के लिए बिजली की अलग-अलग दरें लागू होंगी.
अब सवाल आता है कि आखिर कब से ये नियम लागू हो सकते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2024 से कमर्शियल और इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं के लिए ये नियम लागू हो जाएंगे. अप्रैल 2025 से एग्रीकल्चर सेक्टर को छोड़कर सभी उपभोक्ताओं के लिए ये नियम लागू हो जाएंगे.
क्या होगा इसका फायदा ?
नए इलेक्ट्रिसिटी नियमों से रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा. इस कदम से साल 2030 तक गैर-जीवाशम ईंधन से अपनी ऊर्जा क्षमता का 65 फीसदी का टार्गेट पाने में मदद मिलेगी. साथ ही साल 2070 तक शून्य ऊत्सर्जन का टार्गेट पाने में मदद मिलेगी. यानी 2070 तक पूरी बिजली रिन्यूएबल सोर्सेज से बनेगी.
स्मार्ट मीटरिंग के नियम भी आसान
केंद्र सरकार ने स्मार्ट मीटरिंग के नियमों को भी आसान कर दिया है. मीटरिंग प्रावधान में संशोधन के मुताबिक
उपभोक्ताओं को असुविधा-उत्पीड़न से बचने के लिए, उपभोक्ता की मांग में Maximum permissible load पर मौजूदा जुमार्ने को कम कर दिया गया है.
लगातार बिजली की डिमांड बढ़ने से भारत में एक दिन की बिजली खपत की अब 229 गीगावाट तक ये हो गई है. आसान भाषा में कहा जाए तो भविष्य को देखते हुए ये बदलाव किया जा रहा है इससे कंज्यूमर को तो फायदा होगा ही साथ ही बिजली की बचत भी काफी देखने को मिल सकती है.
Comment
0 comment