दुनिया के ज्यादातर देशों से उलझा चीन तेजी से अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है. इसी बीच भारत ने भी एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. हाल ही में भारत की स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड और DRDO ने मिलकर ओडिशा के डॉ. APJ अब्दुल कलाम द्वीप पर अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. नई पीढ़ी की इस बैलिस्टिक मिसाइल ने अपने टारगेट को पूरी तरह से तबाह कर सबको हैरान कर दिया. साथ ही सभी पैमानों पर खरा उतरी. यहां एक बात पर ध्यान देना चाहिए कि चीन भी लगातार कैरियर किलर मिसाइलें तैयार कर रहा है. भारत के INS विक्रांत के लिए सबसे बड़ा खतरा चीन की यही कैरियर किलर मिसाइलें हैं. चीन का दावा है कि उसके पास दो ऐसी मिसाइलें हैं जो दुनिया के किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर को पल भर में डूबो सकती हैं. ये मिसाइलें इतनी तेज और खतरनाक है कि अमेरिका के पास भी इनकी काट नहीं है.
'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में घने अंधेरे में भी बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम ने शानदार प्रदर्शन किया और टेस्टिंग में लक्ष्य को तबाह कर दिया. ये नई मिसाइल भारत को चीन और पाकिस्तान दोनों के किसी खतरे के खिलाफ मजबूती प्रदान करेगी. अग्नि प्राइम मिसाइल अग्नि सीरीज की ही न्यू जेनरेशन मिसाइल है. भारत की अग्नि प्राइम मिसाइल की तुलना चीन के DF-21D से की जा रही है. जोकि दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइलों में DF-21D शामिल है. ये बैलिस्टिक मिसाइल का अपग्रेडेड वेरिएंट है.
DF-21D एक एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल है. ये दुनिया में पहली डेडिकेटेड एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल है.
DF-21D की रेंज 2,000 किमी से ज्यादा है. इस मिसाइल में इनर्शियल गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है.
चीन के स्वदेशी BeiDou उपग्रह नेविगेशन के साथ लिंक है.
DF-21D एक एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल है. ये दुनिया में पहली डेडिकेटेड एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल है.
DF-21D की रेंज 2,000 किमी से ज्यादा है. इस मिसाइल में इनर्शियल गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है.
चीन के स्वदेशी BeiDou उपग्रह नेविगेशन के साथ लिंक है.
चीन के जवाब में भारत ने अग्नि प्राइम को तैयार किया है.
अगर Agni Prime मिसाइल की बात करें तो
Agni P मिसाइल क्यों है खास ?
Agni P मिसाइल की रेंज 1000 से 2000 किलोमीटर है. ये अग्नि सीरीज की नई जेनेरेशन की मिसाइल है.
Agni P में मल्टीपल इंडेपेंडटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) लगा सकते हैं, जिससे एक ही मिसाइल से कई टारगेट्स तबाह किए जा सकते हैं.
ये मिसाइल हाई इंटेंसिटी वाले विस्फोटक, थर्मोबेरिक या परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. मिसाइल की नाक पर 3 हजार किलोग्राम वजन के वॉरहेड लग सकते हैं.
मिसाइल का तीसरा स्टेज बेहद खास है. तीसरे स्टेज को दूर से नियंत्रित करके दुश्मन के टारगेट पर सटीक हमला हो सकता है. ये स्टेज MaRV यानी मैन्यूवरेबल रीएंट्री व्हीकल है.
अग्नि प्राइम मिसाइल का वजन बाकी अग्नि मिसाइलों से कम होता है. पिछले वर्जन से ये हल्का भी है और खतरनाक भी है. भारत ने एरिया डिनायल वेपन के तौर पर इस मिसाइल को बनाया है.
अग्नि प्राइम का वजन इसके पिछले वर्जन से हल्का भी है. 4 हजार किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-IV और पांच हजार किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-V से इसका वजन हल्का है.
अग्नि मिसाइल परिवार की सीरीज में पहली बार, 1989 में चांदीपुर परीक्षण रेंज में पहली बार परीक्षण किया गया था.
अग्नि-1 की मारक क्षमता 700 किमी, अग्रि-2 की 2000, अग्नि-3 की 3000 अग्नि-4 की 4000 और अग्नि-5 की 5000 किमी है.
चीन की और ताकतवर मिसाइलों में से एक YJ-21 मिसाइल को एयरक्राफ्ट कैरियर किलर कहा जाता है. ये चीन की दूसरी घातक मिसाइल है. चीन का दावा है कि ये मिसाइल किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर को लंबी दूरी से निशाना बना सकती है. लेकिन अब भारत भी लगातार सैन्य ताकत को बढ़ा रहा है. जिसका ताजा उदाहरण अग्नि प्राइम है. अग्नि मिसाइल भारत की परमाणु लॉन्च क्षमता की रीढ़ कही जा सकती है. अग्नि और ब्रह्मोस मिसाइलों के साथ भारत 50 से 5000 किमी तक दुश्मन को तबाह करने की ताकत रखता है. यानी चीन के मुकाबले भारत भी अपनी ताकत को मजबूत करने में जुटा है.
अग्नि-1 की मारक क्षमता 700 किमी, अग्रि-2 की 2000, अग्नि-3 की 3000 अग्नि-4 की 4000 और अग्नि-5 की 5000 किमी है.
चीन की और ताकतवर मिसाइलों में से एक YJ-21 मिसाइल को एयरक्राफ्ट कैरियर किलर कहा जाता है. ये चीन की दूसरी घातक मिसाइल है. चीन का दावा है कि ये मिसाइल किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर को लंबी दूरी से निशाना बना सकती है. लेकिन अब भारत भी लगातार सैन्य ताकत को बढ़ा रहा है. जिसका ताजा उदाहरण अग्नि प्राइम है. अग्नि मिसाइल भारत की परमाणु लॉन्च क्षमता की रीढ़ कही जा सकती है. अग्नि और ब्रह्मोस मिसाइलों के साथ भारत 50 से 5000 किमी तक दुश्मन को तबाह करने की ताकत रखता है. यानी चीन के मुकाबले भारत भी अपनी ताकत को मजबूत करने में जुटा है.
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