Indian Air Force की ताकत और बढ़ने वाली है. चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर पैनी नजर रखने के लिए भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अब इंडियन एयरफोर्स ब्राजीलियाई एम्ब्रेयर विमानों पर Based 6 नए 'मेड इन इंडिया' Netra निगरानी विमान खरीदने जा रही है. जिसके बाद से चीन और पाकिस्तान में भी हलचल मची हुई है.
Netra को आसमान की आंख भी कहा जाता है. Netra स्वदेशी AEW&C विमान है. इसे DRDO ने विकसित किया है. इंडियन एयरफोर्स में दो Netra विमानों का इस्तेमाल पहले से किया जा रहा है. अब योजना 6 और Netra विमान खरीदने की है. इसके लिए काम शुरू हो गया है. इसके लिए DRDO एम्ब्रेयर ERJ-145 विमान खरीदने जा रही है. विमान खरीदने के बाद DRDO द्वारा इसे मॉडिफाई किया जाएगा. इसमें रडार और अन्य उपकरण लगाए जाएंगे.
ऐसा नहीं कि पहली बार ऐसा है इससे पहले भी Indian Air Force Netra की मदद से चीन और पाकिस्तान की हरकतों पर नजर रख रही है. ये प्लेटफॉर्म वायु सेना के लिए बहुत प्रभावी साबित हुआ है. Netra का इस्तेमाल 2019 में हुए बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान भी किया गया था.
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO ने पहले एयरबस 330 विमान पर 6 AWACS यानी एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम बनाने की योजना बनाई थी, जिसके लिए बेंगलुरु में एक सुविधा केंद्र भी बनेगा.
India Today की खबर के मुताबिक अधिकारियों का कहना है कि 'योजना के मुताबिक 6 नए विमान DRDO द्वारा भारत में बनाए जाएंगे और 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना के तहत बनने वाले ये निगरानी विमान वायु सेना को उपलब्ध कराए जाएंगे."
ऐसा दावा है कि इंडियन एयरफोर्स इसे फिर से रिवाइव्ड कर रही है. एम्ब्रेयर विमान का USE अब इस परियोजना के लिए किया जा सकता है. 1 अरब डॉलर की योजना के हिस्से के रूप में इसे हासिल करने की योजना है.
इसकी खूबियों की बात करें तो ये विमान आसमान में मौजूद विमानों और अन्य उड़ने वाली चीजों का पता लगा लेता है. नेत्र ये जानकारी अपने साथ उड़ रहे लड़ाकू विमानों को देता है, जिससे वे संभावित खतरे से निपट सकें. दिन हो या रात हर मौसम में Netra उड़ने में सक्षम है. आसान शब्दों में कहें तो नेत्र-1 हवा में उड़ता हुआ एक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर है, नेत्रा टारगेट को 450-500 km दूर से ही ट्रैक कर लेता है. यानि अगर कोई दुश्मन हिमाकत करने की कोशिश करता है और सीमा की तरफ बढ़ने की कोशिश करता है तो उसका पता ये पहले ही लगा लेता है जिससे वायुसेना को काफी मदद मिलती है.
Netra रडार सिग्नलों का पता लगा सकता है. इससे दुश्मन की सेना द्वारा किए जाने वाले कम्युनिकेशन को इंटरसेप्ट किया जा सकता है.
Netra में कोई सक्रिय कैमरा नहीं है. ये जो भी इलेक्ट्रॉनिक खुफिया जानकारी इकट्ठा करता है उसे जमीन पर मौजूद कमांडरों तक लाइव प्रसारित किया जा सकता है. NSE Netra से भेजे गए डेटा का उपयोग करके नई दिल्ली में लाइव ऑपरेशन की निगरानी भी कर सकता है.
इंडियन एयरफोर्स इस वक्त सिर्फ 5 AWACS यानी एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम विमानों का इस्तेमाल कर रही है. इनमें से 3 इजरायल से खरीदे गए थे और दो Netra विमान हैं.
आपको बता दें वायु सेना को छह और Netra विमान मिलते हैं तो इससे उसकी क्षमता बढ़ेगी. जिसके चलते दुश्मन देश भारत की ओर अब आंख उठाकर भी नहीं देख पाएगा.
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