Semiconductor Hub बनेगा INDIA, Chip Manufacturing को लेकर बड़ी कंपनियों ने किया

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मोबाइल चलाना हो, टीवी का चैनल बदलना हो, या गाड़ी को रोड पर दौड़ाना हो हर किसी में एक चीज बड़ी कॉमन होती है. वो है उस प्रोडेक्ट का दिल यानी प्रोडेक्ट में लगी वो सेमीकंडक्टर चिप. जिसके जरिए आप उसे यूज करते हैं. मोबाइल, रेडियो, टीवी, वॉशिंग मशीन, कार, फ़्रिज, एसी, एटीएम कार्ड.... आज के ज़माने में कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ऐसा नहीं है, जहां सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल नही होता हो. सेमीकंडक्टर रोज़मर्रा की ज़िंदगी की हिस्सा बन चुका है. इसकी कमी होने से दुनियाभर में खलबली मच जाती है. सेमीकंडक्टर आमतौर पर सिलिकॉन चिप्स होते हैं. Agriculture से लेकर हेल्थ सेक्टर में Use होने वाले प्रोड्क्टस में इसका इस्तेमाल होता है. यही वजह है कि सरकार अब देश में चिप की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहती है. इसके लिए सरकार से लेकर पूरा उद्योग जगत एडी चोटी का जोर लगा रहा है. भले ही फॉक्सकॉन और वेदांता की डील टूटी हो, लेकिन भारत तेज रफ्तार से सेमीकंडक्टर हब बनाने की ओर बढ़ रहा है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में सेमीकॉन इंडिया-2023 समिट में जो तस्वीर दिखाई, उसने पुख्ता कर दिया कि वो दिन अब दूर नहीं जब भारत सेमीकंडक्टर हब बन जाएगा. सेमीकंडक्टर के Importance का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया के कई देश इसे बनाने की क्षमता हासिल करने के लिए अरबों डॉलर का निवेश कर रहे हैं. 

 

सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग की तस्वीर जो PM ने दिखाई उससे चीन को काफी मिर्ची लगी हुई है. चीन की ओर से भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को रोकने की भरपूर कोशिश भी हो रही है. भारत और चीन के बीच टेक्नोलॉजी से जुड़ी टशन किसी से छिपी नहीं है. चीन के खिसियाहट का नतीजा है कि उसने सेमीकंडक्टर निर्माण में इस्तेमाल होने वाले दो Key Elements गैलियम और जर्मेनियम (Gallium-Germanium) के Export Ban कर दिया है लेकिन भारत पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है. 

 

दुनिया की कई बड़ी नामी कंपनियां अब भारत में निवेश को तैयार है. भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को अमेरिका, कोरिया और ताइवान जैसे देशों ने भी समर्थन दिया है.

According to NBT News

अमेरिकी कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी गुजरात में 2.75 अरब डॉलर की पहली चिप मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने जा रही है. इस प्रोजेक्ट का पहला फेज साल 2024 में शुरू हो सकता है.

अमेरिका की एक और सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज (AMD) 40 करोड़ डॉलर का निवेश करने जा रही है. 

अमेरिकी सिलिकॉन पॉवर ग्रुप ओडिशा में सिलिकॉन प्लांट लगाने के लिए 121.73 मिलियन डॉलर का निवेश करने की तैयारी में है.

ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी भी भारत में फैसिलिटी ओपन का मन बना रही है.

सेमीकंडक्टर चिप को लेकर भारत की बढ़ती साख से चीन की परेशानी बढ़ गई है. क्योंकि अभी तक दुनियाभर के देश सेमीकंडक्टर के लिए चीन का दरवाजा खटखटाते थे. लेकिन वो कंपनियां भारत की ओर रुख कर रही है. अगर चिप मेकिंग कंपनियां भी हाथ से निकल गई तो उसकी इकोनॉमी को बड़ा झटका लगेगा. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मौजूदा वक्त में भारत का सेमिकॉन मार्केट 23 बिलियन डॉलर का है. लेकिन आने वाले कुछ सालों में ये 80 बिलियन तक पहुंच सकता है. अभी चिप और डिस्प्ले फ़ैब्रिकेशन में चीन का दबदबा है. चीन, हॉन्गकॉन्ग, ताइवान और दक्षिण कोरिया दुनियाभर को चिप और सेमीकंडक्टर की सप्लाई करता है. अब भारत के इस रेस में आने से चीन की टेंशन को बढ़नी ही है. 

अमेरिका क्यों दे रहा भारत का साथ ?

भारत सेमीकंडक्टर का 100 फ़ीसदी Import करता है और इसपर करीब 1.90 लाख करोड़ रुपये खर्च करता है, जिसका बड़ा हिस्सा चीन के पास पहुंचता है. 

अमेरिका भी चिप के लिए चीन पर निर्भर है. दुनिया में सेमीकंडक्टर की कुल बिक्री में चीन का एक तिहाई योगदान है.

अमेरिका की कुछ कंपनियों का 60 से 70 फीसदी रेवेन्यू चीन से ही आता है. जब भारत का सेमीकंडक्टर मिशन पूरा हो जाएगा, अमेरिका के पास भी ऑप्शन होगा. इसलिए अमेरिका भारत के इस चिप मिशन को सपोर्ट कर रहा है. 

प्रमुख कंपनियों में ये नाम

सेमीकंडक्टर चिप्स बनाने वाली प्रमुख कंपनियों में Intel, Samsung, Taiwan Semiconductor Manufacturing Company (TSMC), Broadcom और Nvidia शामिल हैं. 

लेटेस्ट टेक्नोलॉजी में बढ़ता इस्तेमाल

दुनियाभर में उभरती टेक्नोलॉजी, खास तौर पर इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स यानी IoT में सेमीकंडक्टर का खासा महत्व है. स्पेशल सेंसर, इंटीग्रेटेड सर्किट, शॉर्प मेमोरी और एडवांस प्रोसेसर की जरूरत बढ़ रही है. इसके अलावा 5G मोबाइल नेटवर्क में भी सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल होता है.

बता दें सेमीकंडक्टर तेजी से बदल रही Technology Sector की रीढ़ है, लेकिन Semiconductor Industry के सामने कई चुनौतियां भी हैं. वर्तमान में दुनिया भर की सरकारें इस क्राइसिस से निपटने की तैयारी कर रही हैं. अब आगे क्या कुछ होता है ये देखना होगा इस पर आपका क्या कुछ कहना है कमेंट्स करके जरूर बताएं और वीडियो को लाइक और शेयर जरूर करें

कानपुर का हूं, 8 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में हूं, पॉलिटिक्स एनालिसिस पर ज्यादा फोकस करता हूं, बेहतर कल की उम्मीद में खुद की तलाश करता हूं.

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