Actor Mithun Chakraborty : नक्सल से 'डिस्को डांसर' बनने की कहानी

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70 का दशक, जब बॉलीवुड में राजेश खन्ना, जीतेंद्र, धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन जैसे एक्टर्स का सिक्का चलता था। इसी बीच आम से दिखने वाले लड़के ने एंट्री ली। पहली ही फिल्म में नेशनल अवार्ड मिला। देखते ही देखते अपनी अलग दुनिया बना ली। किसान, मजदूर और आम गरीब पब्लिक इनको अपना हीरो मानती। उनको लगता था कि, ये हमारे बीच से निकला हुआ हीरो है। जनता ने इतना प्यार दिया कि इंडस्ट्री के ‘डिस्को डांसर’ बन गए। कई हिट फिल्में दी। बड़े स्टार्स की लिस्ट में शामिल हुए। लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उनका संघर्ष कम नहीं है। पहले एक नक्सल थे। जब एक्टिंग की राह पकड़ी तो सड़क पर कई रातें भूखे पेट गुजारी। अकेले खूब रोते। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि

‘मैं,नहीं चाहता की मेरी जिंदगी पर कोई बायोपिक फिल्म बने। क्योंकि मेरी कहानी सुनने के बाद लोग इंस्पायर नहीं होंगे। बल्कि, मानसिक रूप से टूट जाएंगे।’

आज कहानी एक्टर मिथुन चक्रवर्ती की। जिनको चाहने वाले प्यार से Mithun Da, Grand Master, G9, Disco King, Dada, और Mahaguru कहते हैं।

कोलकाता के रहने वाले बसंत कुमार और सांतिरानी चक्रवर्ती के घर 16 जून 1950 को एक बेटे का जन्म हुआ। जिसका नाम गौरांग रखा। शुरुआती पढ़ाई के बाद कोलकाता के स्कॉटिश चर्च कॉलेज से बीएससी की। उनको लगता था सरकार अपना काम सही तरीके से नहीं करती। ग्रेजुएशन की ही पढ़ाई के दौरान नक्सलवादी रवि रंजन उनके दोस्त बने और वो नक्सली विचारधारा से जुड़ गए। उनके परिवार को उनका नक्सली बनना गंवारा नहीं था। पर वो नहीं माने। लेकिन एक दर्दनाक हादसे ने उनकी जिंदगी की दिशा को बदल दिया। एक रोज उनके भाई का एक्सीडेंट में निधन हो गया। उनको इस बात का इतना सदमा लगा की वो घर लौट आए। वक्त गुजरा तो फिल्मों की तरफ रुझान बढ़ा। 22-23 साल की उम्र में वो पुणे आ गए। फिल्म और टेलीविजन इंस्टिट्यूट में एडमिशन ले लिया। उन्होंने अपना नाम भी बदल लिया वो गौरांग से मिथुन हो गए। एक्टिंग सीखी और शुरू हुआ उनका स्ट्रगल का दौर।

एक इंटरव्यू में मिथुन ने बताया था कि ‘मैं फुटपाथ पर सोता था। कई-कई दिन खाना नहीं खाया। मैं ये सोचकर रोता था कि, अगले दिन का खाना कैसे मिलेगा और कहां पर जाकर सोएंगे।’

आम से चेहरे मोहरे वाले मिथुन का रंग भी साफ नहीं था इस वजह से भी डायरेक्टर उनको काम देने में हिचकिचाते। काम की तलाश में वो एक सेट से दूसरे सेट चक्कर काटते रहते। जब रोजी – रोटी का इंजमाम तो करना था।

मिथुन को कुछ नहीं सुझा तो उन्होंने अपने टैलेंट की तरफ रुख किया। डांस। वो पार्टीज में डांस करते। ऐसे ही उनकी मुलाकात डांसिंग दीवा हेलेन से हुई। मिथुन उनके असिस्टेंट बन गए। वो हेलन के साथ कई फिल्मों के सेट पर जाते, जिसके बाद उन्हें कुछ फिल्मों में छोटे-मोटे रोल मिले। पहली बार वो अमिताभ बच्‍चन की फिल्म 'दो अंजाने' में भी कुछ मिनटों के दिखाई दिए। फिर उन पर ग्रेट डायरेक्टर मृणाल सेन की।

उन्होंने मिथुन के टैलेंट को परखा और साल 1976 में रिलीज हुई 'मृगया' में घिनुआ रोल दिया। अपनी पहली ही फिल्म के लिए मिथुन को नेशनल अवॉर्ड मिला। फिल्म मिल गई नेशनल अवार्ड मिल गया। लेकिन संघर्ष अभी बाकी था। साल 1979 में जासूसी फिल्म सुरक्षा, साल 1980 की हम पांच और साल 1981 की वारदात जैसी कम बजट वाली फिल्मों में काम किया। 

आखिर वो वक्त आ गया। जब देश ही पूरी दुनिया ने डांस की थिरकन को महसूस किया। साल था 1982। फिल्म थी 'डिस्को डांसर'। मिथुन ने ऐसा नाचा की। उनकी जिंदगी भी झूम उठी। उनके स्ट्रगल का दौर खत्म हो चुका था। उनका 'डिस्को डांसर' गाना इतना हिट हुआ कि फैंस ने उन्हें 'डिस्को डांसर' का नाम दिया। ‘डिस्को डांसर’ का एक ठुमका, मिथुन का सिग्नेचर स्टेप बन गया।

अगले एक साल में मिथुन की मुझे इंसाफ चाहिए, कसम पैदा करने वाले की, प्यार झुकता नहीं, गुलामी, डांस डांस जैसी एक के बाद एक 19 फिल्म लगातार रिलीज हुईं, जिसके लिए इनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आज तक कायम किया। साथ ही इन्होंने 249 फिल्मों में लीड हीरो के तौर पर काम किया, जो एक दूसरा रिकॉर्ड है।

जनता ने मिथुन को इतना कामयाब बना दिया कि वो देश के सबसे ज्यादा टैक्स भरने वाले एक्टर भी बन गए थे। उनका कपड़े पहनने से लेकर बालों का स्टाइल इतना पॉपुलर हुआ कि हर युवा उसे कॉपी करने लगा।

ऐसा दौर भी आया की उनकी 30 से ज्यादा फिल्में फ्लाप हो गई। ये उनका स्टारडम ही है जो इसके बाद भी उन्होंने 12 फिल्में साइन की।

एक टिपिकल बंगाली बोलने वाले मिथुन ने अब तक तकरीबन 350 फिल्मों में काम किया है। जिसमें, हिंदी, बंगाली, भोजपुरी, ओरिया और पंजाबी फिल्में शामिल हैं। मिथुन ने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेकर ब्लैक बेल्ट हासिल की है। और वेस्ट बंगाल स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप का खिताब भी अपने नाम किया है।

मिथुन की शादी और प्रेम का जीवन भी काफी उथल-पुथल रहा है। सबसे पहले वो सारिका के प्यार में पागल थे। लेकिन मिथुन ने पहली शादी साल 1979 में हेलेना लुक से की थी। हेलेना ल्यूक 70 के दशक में फैशन वर्ल्ड का जाना माना नाम थीं। लेकिन ये शादी सिर्फ चार महीने टिकी। फिर उनकी मुलाकात एक्ट्रेस योगिता बाली से हुई। और दोनों ने शादी कर ली थी। योगिता और मिथुन के चार बच्चे हैं। तीन बेटे और एक बेटी। बेटी दिशानी को गोद लिया है।

मिथुन का एक्ट्रेस श्री देवी के साथ भी अफेयर रहा है। दोनों साल 1984 की फिल्म 'जाग उठा इंसान' की शूटिंग के दौरान एक दूसरे के करीब आए। एक इंटरव्यू में मिथुन ने बताया था कि श्रीदेवी से गुपचुप शादी कर ली थी। श्रीदेवी चाहती थीं कि अपनी पत्नी योगिता को तलाक देकर उनके पास आ जाएं। लेकिन योगिता के लिए उन्होंने ये रिश्ता तोड़ दिया।

मिथुन कुत्ते पालने और लग्जरी लाइफ के बेहद शौकीन हैं। अपने बंगले पर 38 कुत्ते पाल रखे हैं। ऊटी का सबसे शानदार होटल मोनार्क भी मिथुन का ही है। कई रेस्टोरेंट के मालिक मिथुन के मैसूर में 18 और मसीनागुड़ी में 16 कॉटेज हैं।मिथुन पॉलिटिक्स में भी हैं। समय-समय पर समाजिक मुद्दों को लेकर अपनी राय रखते हैं। लेकिन उन्होंने बॉलीवुड से दूरी नहीं बनाई। 'ओह माई गॉड', 'गुरु', ताशकंद फाइल्स, कश्मिर फाइल्स जैसी फिल्मों से करियर की दूसरी पारी की शानदार शुरुआत की और टीवी पर रियलिटी शोज से हम सभी का मनोरंजन करते रहते हैं।

सुनता सब की हूं लेकिन दिल से लिखता हूं, मेरे विचार व्यक्तिगत हैं।

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