एक्टर शक्ति कपूर जिन्होंने 700 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। फिर भी आजतक उन्हें सिर्फ एक अवार्ड मिला।
बचपन में बेहद शरारती। पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं थी। क्रिकेट खेला पर उसमें करियर नहीं बनाया। जो करना चाहते थे, वो पिताजी ने करने नहीं दिया। फिर किस्मत ले गई बॉलीवुड। विलेन बने तो हीरो पर भारी पड़े। कॉमेडी की तो हंसा हंसा कर दम निकाला और कैरेक्टर रोल किए तो तारीफें बटोरीं। जो भी किरदार निभाते उसको जीवंत कर देते।
आज कहानी बॉलीवुड के बेहद टैलेंटेड एक्टर शक्ति कपूर की। जिन्होंने 700 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।
फिर भी आजतक उन्हें सिर्फ एक अवार्ड मिला। कुछ वक्त के लिए बैन भी किए गए, क्योंकि उनके निजी कैरेक्टर पर सवाल उठाए गए थे।
एक पंजाबी फैमिली से ताल्लुक रखने वाले सिकंदर लाल कपूर की दिल्ली के कनॉट प्लेस में कपड़ों की दुकान थी। घर में पत्नी सुशीला कपूर, एक बेटी रेनू कपूर और तीन बेटे - परवीन कपूर, रुम्मी कपूर और 3 सितंबर, साल 1958 को जन्मे सुनील कपूर थे।
जिन्हें सभी शक्ति कपूर के नाम से जानते हैं। शुरुआती पढ़ाई के दौरान वो तीन-तीन स्कूलों से निकाले गए। वजह थी एक तो उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता, नंबर भी कम आते, ऊपर से शरारती भी थे। किसी तरह से 12वीं की। पर क्रिकेट बहुत अच्छा खेलते थे। वो दिल्ली क्रिकेट टीम के कैप्टन हुआ करते थे। इस वजह से स्पोट्र्स कोटे से इनका दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज में एडमिशन हुआ जहां से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया।
शक्ति कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘मैं ट्रैवलिंग का बिजनेस करना चाहता था, लेकिन पिताजी चाहते थे कि, दुकान में बैठ कर कपड़ों का काम करूं। मेरे और पिताजी के विचारों में मतभेद था।’
वक्त यूंही गुजर रहा था। भविष्य को लेकर चिंताएं थीं। शक्ति कपूर अक्सर एक पान की दुकान जाया करते। वो दुकान वाला शक्ति कपूर से कहता आप की शक्ल बिलकुल हीरो जैसी लगती है।
शक्ति कपूर ने बताया था कि 'उस दुकान वाले ने मेरी फोटो को अपनी दुकान में चिपका के रखा हुआ था। उस दौरान मुझे एक्टिंग में कोई भी दिलचस्पी नहीं थी। हां कुछ दोस्त थे, जो दिल्ली में थियेटर करते थे। उन दोस्तों के कहने पर मैंने एफटीआईआई पुणे में एडमिशन के लिए फार्म भर दिया।'
शक्ति कपूर बताते हैं कि 'दिल्ली में ऑडिशन हुआ। मेरे सामने अशोक कुमार, कामिनी कौशल और ऋषिकेश मुखर्जी जैसे दिग्गज कलाकार बैठे थे, जो ऑडिशन लेने आए थे। एक्टिंग के बारे में कुछ पता था नहीं, तो मुझे टेंशन भी नहीं थी। मुझे लगा कि, मेरा सिलेक्शन तो होना ही नहीं हैं। मैंने तीनों लोगों के पैर छुए। उनसे कहा कि, मैं एक्टर नहीं हूं, दोस्तों के चक्कर में यहां आ गया। फिर मैंने ऑडिशन दे दिया।'
पर किस्मत से शक्ति कपूर के पास एक महीने बाद लेटर आया जिसमें लिखा था आप एफटीआईआई पुणे के लिए सेलेक्ट हो गए हैं।
शक्ति कपूर ने इंटरव्यू में बताया था कि 'मेरे थियेटर वाले दोस्तों में किसी का भी सिलेक्शन नहीं हुआ। उस साल दिल्ली से सिर्फ दो लोग चुने गए थे। पहला मेरा नाम था और दूसरा नसीरुद्दीन शाह का।'
साल 1973 में 21 साल की उम्र में शक्ति कपूर एफटीआईआई पहुंचे। वहां उनकी मुलाकात मिथुन चक्रवर्ती से हुई और दोनों अच्छे दोस्त बने। ये दोस्ती सालों साल चली। मिथुन चक्रवर्ती और शक्ति कपूर ने करीब 150 से ज्यादा फिल्म में एक साथ काम किया है।
साल 1975 में शक्ति कपूर मुंबई आ गए। और अगले पांच सालों में करीब 6 से सात फिल्मों में छोटे-छोटे रोल किए। पर वो शोहरत नहीं मिली।
इधर ग्रेट एक्टर और डायरेक्टर सुनील दत्त साल 1980 की फिल्म यारी दुश्मनी के लिए बैंडिट नाम के एक विलेन के रोल के लिए नए चेहरे की तलाश कर रहे थे। जब सुनील दत्त शक्ति कपूर से मिले तो वो शक्ति कपूर से इतना प्रभावित हुए की फिल्म यारी दुश्मनी में काम तो दिया ही अपने बेटे संजय दत्त की डेब्यू फिल्म ‘रॉकी’ में भी मेन विलेन का ऑफर दे डाला। पर एक दिक्कत थी। तब शक्ति कपूर का नाम सुनील कपूर था।
जो सुनील दत्त साहब को पसंद नहीं था। उनको लगता था सुनील बड़ा ही सिंपल नाम है। जो एक नौजवान विलेन के लिहाज से फिट नहीं हैं। उन्होंने सुनील कपूर से नाम बदल कर शक्ति कपूर कर दिया।
साल दर साल ‘रॉकी’, कुर्बानी ‘हिम्मतवाला’, ‘हीरो’ जैसी फिल्मों बाद शक्ति कपूर विलेन के तौर में जम गए। इसके बाद साल 1994 की फिल्म ‘राजा बाबु’ के नंदू और फिल्म ‘अंदाज अपना अपना’ के क्राइम मास्टर गोगो के किरदार से शक्ति कपूर ने अपनी विलेन की छाप तोड़ी और एक बेहतरीन कॉमेडियन एक्टर के तौर पर छा गए। उन्हें राजा बाबू के लिए बेस्ट कॉमेडियन का फिल्मफेयर का अवार्ड मिला।
शक्ति कपूर अपना गुरु एक्टर कादर खान को मानते हैं। उन्होंने उनके साथ करीब 100 फिल्मों में काम किया है।
2005 में शक्ति कपूर के निजी किरदार पर सवाल उठे। जब उनका एक वीडियो सामने आया। जिसमें एक आर्टिस्ट शक्ति कपूर पर बॉलीवुड में काम दिलाने के बदले उससे अश्लील बात करने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगा रहा था। इसके बाद टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने उन पर बैन लगा दिया। पर आरोप साबित नहीं हुए तो बैन हट गया।
शक्ति कपूर टीवी शो बिग बॉस पर भी गए, लेकिन एक महीने बाद ही बाहर आ गए। शक्ति कपूर ने साल 1982 में एक्ट्रेस पद्मिनी कोल्हापुरी की बहन शिवांगी कपूर से शादी की है। एक बेटा सिद्धांत कपूर और एक बेटी श्रद्धा कपूर है। श्रद्धा कपूर बॉलीवुड में एक्ट्रेस हैं।
रियलिटी शोज और ब्रांड प्रमोशन कर लाखों रुपये कमाने वाले शक्ति कपूर करीब 400 करोड़ रुपये के मालिक हैं। वक्त-वक्त पर फिल्मों में एक्टिंग कर वो अपना जलवा बिखेरते रहते हैं।
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