Actress Hema Malini : 'किसी शायर की गज़ल, किसी झील का कंवल...'

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Actress हेमा मालिनी (Hema Malini) की खूबसूरती को देखकर हर कोई उन पर फिदा हो गया। जिंदगी के हर रंग को अपनी एक्टिंग से जीवंत किया तो लोग तारीफ किए बगैर नहीं रह पाए।

किसी शायर की गजल, Dream Girl

किसी झील का कंवल, Dream Girl

कभी तो मिलेगी, कहीं तो मिलेगी,

आज नहीं तो कल, Dream Girl

वो Dream Girl... जिसकी खूबसूरती को देखकर हर कोई उन पर फिदा हो गया। जिंदगी के हर रंग को अपनी एक्टिंग से जीवंत किया तो लोग तारीफ किए बगैर नहीं रह पाए। उनका स्टाइल फैशन बना। शर्ट और बेल बॉटम पहना तो आने वाली हीरोइन्स ने उनके इस पहनावे को कॉपी किया।

आज कहानी Dream-Girl यानी हेमा मालिनी की। जिनकी निजी जिंदगी भी फिल्म की तरह ही है। जिसमें सुख और दुख दोनों हैं। सात सालों का कड़ा संघर्ष है। कई बार रिजेक्शन झेले, पर हार नहीं मानी। फिर सफलता की बुलंदी पाई। इनके प्यार और शादी की दास्तां भी बड़ी दिलचस्प है। ये भी बताएंगे कि हेमा मालिनी को पहली बार Dream Girl किसने कहा।

तमिलनाडु तिरुचिरापल्ली के अम्मानकुंडी गांव में तमिल येंगेर फैमिली से ताल्लुक रखने वाले वीएसआर चक्रवर्ती और जयालक्ष्मी चक्रवर्ती के घर में दो बेटे आरके चक्रवर्ती और आरजे चक्रवर्ती के बाद 16 अक्टूबर, साल 1948 को एक बेटी का जन्म हुआ। नाम रखा - हेमा मालिनी।

हेमा मालिनी ने सिर्फ 12वीं तक की पढ़ाई फिर मन लगा फिल्म और डांस में। दरअसल हेमा मालिनी की मां जयालक्ष्मी चक्रवर्ती छोटी मोटी फिल्मों को प्रोड्यूस करती थीं। इस वजह से जयालक्ष्मी चक्रवर्ती चाहतीं थी कि उनकी बेटी फिल्मों में हीरोइन बने। हेमा मालिनी आठ – दस साल की उम्र में भरतनाट्यम की ट्रेनिंग लेने लगीं। 

हेमा मालिनी की बायोग्राफी ‘बियॉन्ड द ड्रीम’ - एक फेमस मैगजिन के एडिटर राम कमल मुखर्जी ने लिखी है। जिसमें वो लिखते हैं कि ‘हेमा मालिनी का फिल्मी सफर आसानी से शुरू नहीं हुआ। साल 1961 में हेमा मालिनी को साउथ इंडस्ट्री के डायरेक्टर सीवी श्रीधर ने ये कहते हुए फिल्म में काम देने से मना कर दिया कि हेमा मालिनी बहुत पतली हैं, और उनमें स्टार जैसी कोई बात नहीं है।’

वक्त के साथ हेमा मालिनी एक बेहतरीन डांसर बनीं और इस डांस की वजह से उन्हें साल 1963 की तमिल फिल्म 'इधु साथियम' और साल 1965 की तेलुगु फिल्म ‘पांडव वनवासम’ में डांसर के रोल मिले।

आकर्षक नैन-नक्श और उनका भरतनाट्यम डांस किसी को भी मंत्रमुग्ध कर दे। 60 के दशक में उनकी सुंदरता को एक मानक के तौर पर देखा जाता हैं। इस सुंदरता पर नजर गई शो मैन राज कपूर की। साल था 1968 और फिल्म का नाम था - ‘सपनों के सौदागर’।

20 साल की हेमा मालिनी के हीरो बने 44 साल को राज कपूर के। उम्र में 24 साल का फासला होने की वजह से दर्शकों ने पर्दे पर इस जोड़ी को नकार दिया, पर हेमा मालिनी का बॉलीवुड में सफर चल पड़ा।

राज कपूर ने ‘सपनों के सौदागर’ फिल्म के प्रमोशन के लिए हेमा मालिनी को ‘ड्रीम गर्ल’ के नाम से बॉलीवुड में इंट्रोड्यूस किया था। संयोग से हेमा मालिनी की साल 1977 में ‘ड्रीम गर्ल’ टाइटल से फिल्म आई वो फिल्म में इतनी खूबसूरत लगीं कि ‘ड्रीम गर्ल’ नाम हेमा मालिनी के नाम का पर्याय बन गया।

हेमा मालिनी जब फिल्मों में जब एक बड़ा नाम बन गईं तो उन्हें रिजेक्ट करने वाले डायरेक्टर सीवी श्रीधर हेमा मालिनी को बतौर हीरोइन लेकर साल 1973 की फिल्म ‘गहरी चाल’ बनाईं।

70 के दशक के शुरुआत में फिल्मों में एक्ट्रेस के लिए बहुत ही सीमित रोल लिखे जाते थे। लेकिन 1972 की फिल्म ‘सीता और गीता’ में हेमा मालिनी डबल रोल कर न सिर्फ अपनी एक्टिंग को साबित किया बल्कि समाज में महिला की कमजोर और अबला नारी की छवि को तोड़ा।

साल 1975 की फिल्म ‘शोले’ में हेमा मालिनी ने अपनी एक्टिंग से ‘बसंती’ के रोल जीवंत बना दिया। बसंती के हाव-भाव और डायलॉग आज भी बहुत पसंद आते हैं।

करियर में 150 से ज्यादा फिल्में करने वालीं हेमा मालिनी एक वक्त सबसे ज्यादा फीस लेती थीं। हर बड़ा हीरो उन्हें अपनी हीरोइन बनाना चाहता।

साल 1969 की फिल्म ‘जहां प्यार मिले’ में शशि कपूर, साल 1971 की फिल्म ‘आंसू और मुस्कान’ में एक्टर और सिंगर किशोर कुमार। साल 1971 की फिल्म पराया धन में बलराज साहनी और फिल्म लाल पत्थर में राजकुमार के साथ नजर आईं। 1972 की फिल्म गोरा और काला में राजेंद्र कुमार और फिल्म बाबुल की गलियां में संजय खान की हीरोइन बनीं।

साल 1970 की फिल्म जॉनी मेरा नाम में देव आनंद के साथ पहली बार काम किया और इसके बाद ये दोनों करीब सात फिल्मों में एक साथ नजर आए। जिसमें से चार फिल्में सुपरहिट हुईं।

साल 1971 की फिल्म 'अंदाज' में राजेश खन्ना और हेमा मालिनी की जोड़ी को खूब पसंद किया गया। दोनों ने करीब 13 फिल्मों की जिसमें 10 ब्लाकबस्टर रहीं। राजेश खन्ना को हेमा मालिनी को घमंडी समझते थे। और हेमा मालिनी राजेश खन्ना को भाव नहीं देती थीं। इसकी वजह थी कि हेमा मालिनी ने एक इंटरव्यू में बताई, कही कि मुझे नहीं पता कि मामला क्या था, लेकिन राजेश खन्ना के साथ कुछ तो गड़बड़ थी। शुरुआती दिनों में वो मेरे साथ काफी अजीब बिहेव करते थे। इसमें कोई शक नहीं कि राजेश खन्ना उस वक्त के सुपरस्टार थे, उनके चार्म को लड़कियां काफी पसंद करती थीं, लेकिन मैंने ऐसा कभी नहीं किया। मैंने उन्हें ज्यादा भाव नहीं दिया। वो मुझे घमंडी समझते थे, जबकि मुझे लगता था कि राजेश खन्ना खुद को कुछ ज्यादा ही भाव देते हैं, जिससे वो बाहर नहीं आ पा रहे थे। पर मुझे खुशी है कि मैं उनके साथ काम कर सकी।’

हेमा मालिनी को साथ पसंद आए बॉलीवुड के हीमैन धर्मेंद। धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की शादी हो इससे पहले कई पड़ाव आए।

साल 1977 की फिल्म धूप छांव में हेमा मालिनी के हीरो बने संजीव कुमार उन्हें रियल में चाहने लगे। पर ये रिश्ता मुकम्मल न हो सका। संजीव कुमार का दिल टूटा तो ताउम्र शादी नहीं की।

साल 1969 की फिल्म वारिस में पहली बार साथ करने वाले एक्टर जितेंद्र और हेमा मालिनी ने करीब 12 फिल्में एक साथ की। इस दौरान वो अच्छे दोस्त बने।

घरवाले चाहते की दोनों शादी करें तैयारियां भी शुरू हो गईं, पर ये हो न पाया, क्योंकि धर्मेंद्र ने फिल्मी अंदाज में सबके सामने हेमा मालिनी को प्रपोज कर दिया और हेमा मालिनी को भी लगा की धर्मेंद्र ही हैं जिनसे वो प्यार करतीं हैं। वहीं जितेंद्र ने बचपन की दोस्त शोभा कपूर से शादी कर ली।  

साल 1970 की फिल्म शराफत में पहली बार धर्मेंद्र और हेमा मालिनी साथ में नजर आए। दोनों ने साथ में करीब 35 फिल्में की और इसी दौरान एक दूसरे के करीब आए। हेमा मालिनी के पिता धर्मेंद्र को पसंद नहीं करते थे।

दिक्कत थी की धर्मेंद्र पहले से शादीशुदा थे। धर्मेंद्र की पहली शादी 20 साल की उम्र में प्रकाश कौर से हुई थी। उनके चार बच्चे हुए, सनी देओल, बॉबी देओल, विजेता देओल और अजीता देओल।

हेमा मालिनी पिता की मर्जी के खिलाफ नहीं जा सकती थी। पिताजी जब तक जिए तब तक शादी नहीं की। उधर धर्मेन्द्र की पहली पत्नी ने उन्हें तलाक देने से इनकार कर दिया था। और हिंदू विवाह अधिनियम के तहत वो पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी नहीं कर सकते थे।

साल 1979 में हेमा मालिनी और धर्मेंद्र दोनों ने इस्लाम धर्म अपनाया अपना नाम बदला और इस्लामी रीति रिवाज से शादी की। पर दोनों ही हिंदू धर्म का पालन करते है। दो बेटियां हुईं, एक ईशा देओल और दूसरी अहाना देओल। हेमा मालिनी ने ही अपनी दोनों बेटियों के करियर को संभाला। शायद ये शकित उन्हें अपनी मां से मिली थी।

धर्मेंद्र और हेमा मालिनी के रिश्तों में तल्खी तो कभी नहीं आई पर एक वक्त के बाद वो अलग-अलग रहने लगे। हेमा मालिनी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मैं कभी भी अपने पति धर्मेंद्र और उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर के बीच नहीं आई है। मैंने उनके पूरे परिवार को अपने ही परिवार का हिस्सा माना।’

उन्होंने अपने करियर की दूसरी पारी शूरू की जब वो साल 2003 में ‘बागबान’ और 2006 की फिल्म ‘बाबुल’ में अमिताभ बच्चन के साथ नजर आईं। इस जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया।

हेमा मालिनी दो फिल्म और पांच टीवी सीरियल को प्रोड्यूस और डायरेक्ट किया। साल 1992 की फिल्म ‘दिल आशना है’ से किंग खान शाहरुख खान को फिल्मों में मौका दिया। हालांकि शाहरुख खान की पहली दिवाना थी। क्योंकि ये फिल्म दिल आशना है से कुछ महीने पहले ही रिलीज हो गई।

हेमा मालिनी एक्टिंग से ज्यादा डांस को इंजॉय करती है वो आज भी भरतनाट्यम का स्टेज शो करती हैं। सामाजिक मुद्दों में बेबाक राय रखने वाली हेमा मालिनी ने राजनीति में आई। 2003 में हेमा मालिनी को राज्य सभा के लिए चुना गया। फिर साल 2004 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की। वो दो बार से मथुरा से सांसद है। वो सामाजिक सेवा कार्यों में भी हिस्सा लेतीं खासकर बेजुबान जानवरों के लिए वो काम करतीं हैं।

हेमा मालिनी के करियर और उनके अनुभव को देखकर ये सोचना स्वाभाविक हैं कि उन्हें मिले अवॉर्ड की लिस्ट बहुत लंबी होगी, लेकिन हकीकत ये नहीं हैं। सिर्फ एक बार ही उन्हें साल 1973 में फिल्म 'सीता और गीता' के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर का खिताब मिला है। साल 1999 में फिल्मफेयर ने उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट से नवाजा। हेमा मालिनी को भारत सरकार ने साल 2000 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया है। आने वाले वक्त में हेमा मालिनी बॉलीवुड और राजनीति दोनों मे सक्रिय हैं।

सुनता सब की हूं लेकिन दिल से लिखता हूं, मेरे विचार व्यक्तिगत हैं।

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