एक गुजराती बिजनेसमैन चुन्नीभाई कपाड़िया मुंबई में रहते थे। उन्हीं के घर 8 जून, साल 1957 को एक खूबसूरत बेटी पैदा हुई। जिसका नाम अमीना रखा। अमीना अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। चुन्नीभाई कपाड़िया फिल्मों में काम तो नहीं करते थे। लेकिन, उनकी कई एक्टर्स और डायरेक्टर्स से दोस्ती जरूर थी। वो अक्सर बॉलीवुड के सितारों को पॉश इलाके में बने अपने शानदार घर जिसका नाम उन्होंने 'समुद्र महल' रखा था उसमें पार्टी दिया करते। ऐसे ही एक दिन एक पार्टी में शो मैन राज कपूर ने 13 साल की अमीना को देखा और देखते ही ये तय कर लिया ये मेरी किसी एक फिल्म की हिरोइन बनेंगी। यही अमीना, डिंपल कपाड़िया के नाम से फेमस हुईं। लेकिन पहली फिल्म से सबको दीवाना बनाने वाली डिंपल ने 11 सालों तक कोई फिल्म नहीं की। 16 साल में शादी 17 साल में मां बनीं। अपने सुपरस्टार पति का घर छोड़ा। आज कहानी डिंपल कपाड़िया की, जो बेहद खूबसूरत थी और इसी खूबसूरती की वजह से उनको फिल्मों में महत्वपूर्ण रोल नहीं मिले।
छह सालों की मेहनत और लाखों का कर्जा लेकर राज कपूर ने साल 1970 में रिलीज हुई मेरा नाम जोकर बनाई। जब ये फिल्म पिट गई तो उसके बाद उनको कर्जे से निकलने के लिए एक ऐसी फिल्म की तलाश थी जो सुपरहिट हो। उन्होंने नए कलाकारों को मौका देकर साल 1973 में रिलीज हुई फिल्म ‘बॉबी’ बनाई। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। राज कपूर का सारा कर्जा तो उतार ही गया। इंडस्ट्री को दो कलाकार भी दिए। ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया।
दोनों ही रातोंरात सुपरस्टार बन गए। सिर्फ 16 साल की डिंपल को अपनी पहली ही फिल्म के लिए फिल्मफेयर का बेस्ट एक्ट्रेस का खिताब मिला। युवा लड़के डिंपल के दीवाने थे। इस फिल्म के बाद अगले 11 सालों में ऋषि कपूर ने तो एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में कीं। लेकिन, डिंपल कपाड़िया की एक भी फिल्म नहीं आई। इसके पीछे की वजह थे राजेश खन्ना।
दरअसल बॉबी फिल्म के रिलीज होने से कुछ महीनों पहले ही डिंपल ने अपनी उम्र से लगभग दो गुने सुपरस्टार राजेश खन्ना से शादी कर ली थी। तब राजेश खन्ना 31 के थे और डिंपल 16 साल कीं।
ये वो वक्त था जब राजेश खन्ना को इंडस्ट्री में आए हुए चार-पांच साल ही हुए थे। साल 1969 की आराधना, 1970 की सफर और साल 1971 की आनंद जैसी फिल्मों के जरीये वो युवा लड़कियों की धड़कन बन चुके थे। 13-14 साल की उम्र की डिंपल भी राजेश खन्ना की फैन थीं। स्कूल बंक करके उनकी फिल्में देखने जातीं।
इसी बीच राजेश खन्ना और डिंपल की पहली मुलाकात हुई। अहमदाबाद के नवरंगपुरा स्पोर्ट्स क्लब में। राजेश खन्ना वहां बतौर चीफ गेस्ट आए थे। डिंपल अपने स्कूल की तरफ से गईं थी। जब राजेश खन्ना ने डिंपल को देखा तो देखते ही रह गए। इसके बाद से अक्सर दोनों की मुलाकातें होने लगी। एक दिन राजेश खन्ना ने डिंपल को प्रपोज कर दिया। राजेश खन्ना के आकर्षण में बंधी डिंपल को कुछ समझ नहीं आया। सब सपने जैसा लगा। उन्होंने तुरंत हां कह दी।
साल 1973 में हुई इनकी शादी ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। दोनों की शादी की एक छोटी ‘फिल्म’ भी बनाई गई जो देश भर के थियेटर में दिखाई गई। डिंपल 17 साल की उम्र में ट्विंकल खन्ना और 20 साल की उम्र तक रिंकी खन्ना की मां बन चुकी थीं। लेकिन, 09 सालों तक राजेश खन्ना के साथ रहने के बाद डिंपल ने उनका घर छोड़ दिया।
दरअसल, डिंपल से शादी करने पहले राजेश खन्ना एक्ट्रेस अंजू महेंद्रू के साथ रिलेशनशिप में थे।
एक्ट्रेस मुमताज ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, ‘हम सबको लगता था कि राजेश खन्ना अपनी गर्लफ्रेंड अंजू महेंद्रू से ही शादी करेंगे। लेकिन, राजेश खन्ना ने डिंपल से शादी करके सभी को चौंका दिया।
राजेश खन्ना ने अंजू से शादी इसलिए नहीं कि राजेश खन्ना चाहते थे कि अंजू महेंद्रू शादी के बाद फिल्मों में काम न करें। लेकिन अंजू ने राजेश खन्ना को छोड़कर अपने करियर को चुना।
इस बीच अंजू का नाम वेस्टइंडीज क्रिकेटर गैरी सोबर्स के साथ सामने आया। ये बात राजेश खन्ना को नागवार लगी और उन्होंने अंजू को चिढ़ाने के लिए डिंपल से शादी करते वक्त अंजू के घर के सामने से अपनी बरात निकाली।
अंजू की तरह ही डिंपल के सामने भी राजेश खन्ना ने शर्त रख दी थी की शादी के बाद वो फिल्में नहीं करेंगी। वहीं डिंपल को नहीं पता था उनकी पहली फिल्म ‘बॉबी' इतनी बड़ी हिट होगी। शादी हो चुकी थीं। स्टारडम का स्वाद चख चुकी डिंपल फिल्मों में काम करना चाहती थीं। इसी वजह से दोनों में अनबन हुई। झगड़े बढ़े और डिंपल राजेश खन्ना का घर छोड़कर चली गईं।
अब डिंपल की किस्मत ने करवट ली। राजेश खन्ना का घर छोड़ते ही डिंपल के आगे फिल्म प्रोड्यूसर की लाइन लग गई। हर कोई उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट करना चाहता था।
साल 1984 में 11 सालों बाद डिंपल की दूसरी फिल्म 'जख्मी शेर' रिलीज हुई। ये संयोग ही कहेंगे कि फिल्म में डिंपल के हीरो थे, राजेश खन्ना के खास दोस्त, जीतेन्द्र। साल 1985 में रिलीज हुई फिल्म सागर में वो एक फिर से ऋषि कपूर के साथ नजर आईं।
इसके बाद साल दर साल डिंपल ने एक से बढ़कर एक फिल्म दीं। डिंपल को बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत हीरोइनों में से एक माना जाता है। एक मशहूर पत्रिका ने उन्हें खूबसूरती में मधुबाला के बाद दूसरी पोजीशन दी थी। कुछ फिल्म डायरेक्टर मानते थे कि डिंपल की खूबसूरती उनके करियर में बाधा भी बनी। जिसके कारण उनको कई रोल्स नहीं मिल पाए।
साल 1989, में रिलीज हुई फिल्म बंटवारा में डिंपल ने एक्टर धर्मेन्द्र की हीरोइन थीं तो दूसरी तरफ वो धर्मेन्द्र के बेटे सनी देओल की अर्जुन और मंजिल जैसी फिल्मों की हीरोइन बनीं। सनी देओल और जैकी श्रॉफ के साथ डिंपल की जोड़ी को खासा पसंद किया गया। सनी देओल और डिंपल की नजदीकियां भी काफी चर्चा में रही। लेकिन, दोनों ने इस रिश्ते को कभी स्वीकारा नहीं। डिंपल ने पैरलल सिनेमा की ‘दृष्टि’, ‘लेकिन’, ‘रूदाली’ जैसी फिल्मों में अपनी एक्टिंग से सभी का दिल जीता। डिंपल को एक बार नेशनल अवार्ड और चार बार फिल्म फेयर अवार्ड से नवाजा जा चुका है।
वक्त बीता तो डिंपल और राजेश खन्ना के बीच कड़वाहट भी कम हुई। राजेश खन्ना ने जब लोकसभा इलेक्शन लड़ा तो डिंपल ने उनका कैंपेन किया था। वो राजेश खन्ना के जिंदगी के आखिरी पलों में डिंपल उनके साथ नजर आईं। आज डिंपल कैंडिल्स डिजाइनिंग का काम करती हैं। उनकी डिजाइन की गई ये कैंडल्स बेहद महंगे दामों में बिकती हैं। वहीं समय समय पर वो किसी वेबसीरिज और फिल्मों में काम करके अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीत लेती है।
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