एशिया कप पहले T20 और ODI फॉर्मेट में: भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबला | Manchh न्यूज़

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एशिया कप 2023 से पहले जानिए कैसे T20 और ODI फॉर्मेट में होने लगा ये टूर्नामेंट? एशिया कप 2023 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण मुकाबला होगा | Manchh न्यूज़ पर नवीनतम जानकारी प्राप्त करें

25 जून 1983 भारत ने कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। ये मुकाबला क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया था। लेकिन इसी फाइनल के दो पास जब बीसीसीआई अध्यक्ष को नहीं मिले थे, तो वहीं से एशिया कप की नींव तैयार होने लगी, शायद ऐसा कहा जा सकता है। साल 1983 में एशियाई देशों के बीच क्रिकेट के खेल को बढ़ावा देने, विकसित करने और सद्भावना का विस्तार करने के लिए एशियन क्रिकेट कांफ्रेंस जिसका नाम 1995 में एशियन क्रिकेट काउंसिल कर दिया गया था, इसका गठन किया गया। उस वक्त के बीसीसीआई अध्यक्ष एन के पी साल्वे को इसका प्रेसिडेंट बनाया गया।

वैसे साल 1982-85 के दौरान एन के पी साल्वे बीसीसीआई के भी अध्यक्ष रहे थे। विजडन मैग्जीन के मुताबिक, लॉर्ड्स पर 1983 विश्व कप का फाइनल चल रहा था, बीसीसीआई अध्यक्ष एनकेपी साल्वे लॉर्ड्स में विश्व कप फाइनल के लिए दो एक्स्ट्रा पास चाहते थे। जो उन्हें नहीं मिले, ये इंकार उसे अच्छा नहीं लगा। विश्व कप के पहले तीन संस्करणों (1975, 1979 और 1983)  की मेजबानी इंग्लैंड ने की थी। साल्वे इंग्लैंड के बाहर विश्व कप की मेजबानी के लिए प्रतिबद्ध हो गए।

बताया जाता है कि इस घटना को साल्वे ने गंभीरता से लिया और बताया जाता है उन्होंने तभी ठान लिया था कि वो विश्व कप के स्तर की प्रतियोगिता का दूसरा विकल्प बनाएंगे। हालांकि एशिया कप टुर्नामेंट इस सोच से एक और कदम आगे निकल गया। एशिया कप का पहला संस्करण साल 1984 में भारत ने सुनील गावस्कर की कप्तानी में जीता था। लेकिन इसके बाद ही अगले एशिया कप संस्करण को इंडिया ने बायकॉट कर दिया था।

दरअसल, 1985 में भारतीय टीम ने श्रीलंका का दौरा किया था। रिपोर्टस के मुताबिक, उस दौरे पर खराब अंपायरिंग देखने को मिली थी, जिसके चलते भारतीय टीम को 3 मैचों की सीरीज में 0-1 से शिकस्त मिली थी। उस दौरे पर श्रीलंकाई दर्शकों ने भी भारतीय खिलाड़ियों के साथ खराब व्यवहार किया था। इसके बाद BCCI और SLC मानें श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के बीच दूरियां बढ़ गई थी। यही कारण था कि भारत ने 1986 के एशिया कप में हिस्सा नहीं लिया था, क्योंकि 1986 का एशिया कप श्रीलंका में ही खेला गया था।

एशिया कप का चौथा संस्करण भारत में 1990-91 के दशक में हुआ था। उस समय भारत के साथ तनावपूर्ण राजनीतिक संबंधों के कारण पाकिस्तान ने टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया था। उस संस्करण में भारत ने फाइनल में श्रीलंका को हराकर दूसरी बार एशिया कप का खिताब अपने नाम किया था। ये इकलौता मौका था, जब पाकिस्तान ने इस प्रतियोगिता से अपना नाम वापस लिया हो।

इस साल का एशिया कप वन डे फॉर्मेट में खेला जाना है। जोकि एशिया कप के लिए तय फॉर्मेट था। लेकिन पहली बार साल 2016 में एशिया कप टी-20 फॉर्मेट में खेला गया। इसके साथ ही एशिया कप के संस्करण की एक बार वनडे और एक बार टी-20 फॉर्मेट यानी कि इसी रोटेशन फॉर्मेट में खेले जाने की शुरुआत हुई। दरअसल, अप्रैल 2015 में आईसीसी ने एशियाई क्रिकेट परिषद का आकार घटाने के बाद, ये घोषणा की गई थी कि आगामी एशिया कप वनडे और टी20 प्रारूप में रोटेशन के आधार पर खेला जाएगा। ये आईसीसी के वर्ल्ड कप इवेंट पर भी निर्भर करेगा।

वैसे बता दें, वनडे और टी20 दोनों फॉर्मेट को मिलाकर भारतीय टीम ने सबसे ज्यादा 7 बार एशिया कप का खिताब जीता है। भारत के बाद श्रीलंका दूसरी सबसे सफल टीम है, जो 6 बार विजेता रह चुकी है। पाकिस्तान 2 बार चैंपियन रही है। इन 3 टीमों के अलावा कोई दूसरी टीम खिताब नहीं जीत सकी है। इस साल एशिया कप 2023 में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल यानी टोटल 6 टीमें हिस्सा लेंगी। 'हाइब्रिड मॉडल' के तहत 4 मुकाबले पाकिस्तान में खेले जाएंगे और बचे हुए 9 मुकाबले श्रीलंका में होंगे। 30 अगस्त से एशिया कप की शुरूआत होने वाली है, फिर 2 सिंतबर को भारत टुर्नामेंट में अपना पहला मुकाबला अपनी चिर प्रतिद्वदी टीम पाकिस्तान के साथ खेलेगा। फिर 17 सिंतबर को फाइनल होगा और इस साल का विनर मिल जाएगा।

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