इंग्लैंड का 'बैजबॉल गेम' क्या है और कैसे हुई इसकी शुरुआत? जानिए दिलचस्प किस्सा

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टेस्ट क्रिकेट अब बदल रहा है और इस बदलते क्रिकेट का नजारा इंग्लैंड दुनिया को दिखा रहा है... इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच शुरू हुई राइवेलरी एशेज सीरीज के पहले दिन इंग्लैंड ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए 78 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 393 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जबकि उस वक्त मैदान पर टीम के शानदार बल्लेबाज जो रूट 118 रन बनाकर मज़बूती के साथ क्रीज पर डटे हुए थे, इंग्लैंड चाहता तो पूरा दिन आसानी से खेल सकता था। लेकिन कप्तान बेन स्टोक्स ने पारी घोषित कर दी। स्टोक्स के इस फैसले से क्रिकेट फैंस हैरान हैं और वहीं कुछ लोग इसके पीछे की वजह को ‘बैजबॉल’ रणनीति बता रहे हैं।

बेन स्टोक्स की कप्तानी में बैजबॉल रणनीति अपनाने के बाद इंग्लैंड के टेस्ट क्रिकेट में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है। बीते साल एशेज सीरीज के अलावा वेस्टइंडीज के खिलाफ मिली टेस्ट सीरीज में हार के बाद जो रूट को कप्तानी और क्रिस सिल्वरवुड को हेड कोच पद से हटा दिया गया था। इन दोनों को हटाने के बाद इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड यानी ECB ने बेन स्टोक्स को कप्तान और न्यूजीलैंड के क्रिकेटर ब्रेंडन मैक्कुलम को टेस्ट टीम का हेड कोच बनाया था। मैक्कुलम ने टीम से जुड़ते ही इंग्लैंड क्या टेस्ट क्रिकेट खेलने के तरीके को बैजबॉल रणनीति से बदल दिया। बैजबॉल गेम क्या है और बीते 1 साल से क्यों इतना चर्चा में वो भी बता देते हैं। 

जैसा की क्रिकेट फैंस जानते हैं कि ब्रेंडन मैक्कुलम अपने समय में टेस्ट हो या वनडे क्रिकेट वो अटैकिंग क्रिकेट खेलते थे। ऐसा ही इंग्लिश टीम का 'बैजबॉल' मॉडल आक्रमक क्रिकेट खेलने पर आधारित है। इंग्लिश खिलाड़ियों को कोच मैक्कुलम की ओर से साफ निर्देश रहता है कि वे बिना किसी डर के अटैकिंग बैटिंग करें। हालांकि आक्रामक क्रिकेट खेलने के कारण खिलाड़ियों में आउट होने का खतरा हमेशा बना रहता है। लेकिन इसका एक बड़ा फायदा ये है कि आक्रामक शॉट खेलने के चलते रन भी बहुत तेजी से बनते हैं।

ऐसा ही कुछ इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले टेस्ट मैच में देखने को मिला। ओपनिंग करने आए जेक क्रॉले ने पहले ओवर की पहली ही गेंद पर शानदार चौका जड़ा था। इसके बाद जॉनी बेयरस्टो, मोईन अली और जो रूट जैसे बल्लेबाजों ने भी इसी रणनीति के तहत बेखौफ बल्लेबाजी की। शायद यही वजह रही कि इंग्लैंड ने इसे वनडे की तरह खेला और महज 78 ओवर में ही पारी घोषित कर दी।

अब सवाल उठता है कि मैक्कुलम के बैजबॉल रणनीति से इंग्लैंड को कितना फायदा हुआ है...तो वो भी जान लिजिए। जब इंग्लैंड टेस्ट टीम के कप्तान जो रूट और कोच क्रिस सिल्वरवुड थे…तब टीम 17 टेस्ट मैचों में सिर्फ 1 मैच जीत पाई थी। यही वजह थी कि इंग्लैंड बोर्ड ने दोनों को हटा दिया। वहीं जब स्टोक्स और मैक्कुलम के हाथ में इंग्लैंड के टेस्ट टीम की कमान आई तब टीम को 11 में से 10 टेस्ट मैचों में जीत मिली। 

 

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