दुनिया में बढ़ते डिजिटलाइजेशन के दौर में पेमेंट करने का सबसे आसान तरीका हो गया है QR कोड स्कैनर... जिससे हम अपनी रोजमर्रा जिंदगी में हर दिन चाय की दुकान से लेकर नाई की दुकान तक कई दफा बड़ी आसानी से पेमेंट करते हैं। लेकिन कभी-कभी यही आसानी लापरवाही में बदल जाती है और साइबर क्रिमिनल इसका फायदा उठाते हैं। क्योंकि आजकल स्कैमर्स भी इन्हीं QR कोड के जरिए लोगों को ठग रहे हैं। और ये साइबर ठगी किस तादाद पर हो रही है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लास्ट मंथ FBI को स्कैम्स को लेकर एक एडवाइजरी जारी करनी पड़ी। FBI जो कि यूएस की बड़ी इनवेस्टिगेटिव कंपनी है उसके मुताबिक, QR कोड स्कैम काफी तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही उससे बचने के कुछ तरीके भी बताए।
आगे बढ़ने से पहले ये जान लीजिए कि QR कोड होता क्या है... क्यूआर कोड बार की तरह एक कोड होता है, जिसमें कुछ लिखा नहीं होता है, बल्कि एक स्कवायर में छोटे-छोटे ब्लैक एंड व्हाइड बॉक्स और लाइनें होती हैं, वो एक तरह से किसी भी लिंक का पाथ होता है। इसे ही QR कोड यानी Quick Response कोड कहते हैं। जब आप किसी दुकान पर भी पेटीएम से पेमेंट करते हैं तो क्यूआर कोड ही स्कैन करते हैं। इसमें इन्फॉर्मेशन को स्कैन करके डिक्रिप्ट किया जाता है।
कैसे होती है ठगी?
QR कोड को जब आप स्कैन करते हैं, तो ये नहीं पता होता कि कौन सी वेबसाइट खुलेगी, ये बिल्कुल सरप्राइज की तरह होता है। ऐसा भी हो सकता है कि आप QR कोड स्कैन करते हैं और कोई ऐप डाउनलोड होने लगता है बिना किसी क्लिक के, ये ऐसी एप्स होती हैं जो आपकी बैंक डिटेल्स के साथ-साथ पर्सनल इंफॉर्मेशन भी हैकर्स तक पहुंचा देती हैं। इसके अलावा एक और दूसरा तरीका है ईमेल का... आपने गौर किया होगा कि हमारे जीमेल में कैटेगरीज होती हैं प्राइमरी, प्रमोशन्स और सोशल... जिनमें प्रमोशन के मेल और हमारी सोशल साइट्स से रिलेटेड मेल्स आती हैं, इसके इतर प्राइमरी कैटेगरी में हमारी इम्पॉर्टेंट मेंल्स आती हैं, स्पैम जैसी मेल्स वहां नहीं आती पर ये QR कोड वाली मेल्स उसी प्राइमरी कैटेगरी की मेल्स पर ही आ रही हैं। क्योंकि जो भी फ्रॉड करने वाले वेबसाइट या ऐप के साइबर लिंक हैं वो QR कोड के अंदर हैं जिससे जीमेल भी इन्हें फील्टर नहीं कर पा रहा है। और ऐसी मेल्स पर आए QR कोड स्कैन करते ही आप भारी नुकसान उठा सकते हैं, शायद यही वो वजह है जिसके चलते FBI को एडवाइजरी जारी करनी पड़ी, क्योंकि यूएस में काफी तेजी से हो रहा है।
हालांकि भारत में इसके अलावा क्यूआर कोड से ठगी उन केस में ज्यादा होती है, जब किसी यूजर को पेमेंट हासिल करना होता है। जैसे ओएलएक्स पर कुछ सामान बेच रहे हैं और फिर आपको खरीददार पेमेंट करेगा तो इस वक्त आपके साथ स्कैम हो सकता है। ऐसे में जब आपको पेमेंट मिलना होता है तो इस मीडियम से फ्रॉड कर दिया जाता है। अब बैंक क्यूआर कोड से पैसे भेजने और मंगवाने का ऑफर दे रही हैं। ऐसे में ये लोग बैंक डिटेल के लिए क्यूआर कोड भेजते हैं और इस वक्त वो आपके साथ ठगी करते हैं।
दरअसल, वो Send Money का नहीं, बल्कि Request Money का लिंक भेजते हैं और उस लिंक को जैसे ही आप खोलकर एक्सेप्ट करेंगे तो जितने भी पैसे आने की बात हुई थी, उतने पैसे चले जाते हैं। ये आप अपने यूपीआई ऐप से खुद ही क्रिएट कर सकते हैं। अगर आप भी अपना क्यूआर कोड बनाना चाहते हैं तो आपके फोन में जो यूपीआई ऐप है, उसमें Request Money वाले ऑप्शन पर जाएं और क्लिक करें। इसके बाद एक जनरेट क्यूआर कोड का ऑप्शन मिलता है। जैसे ही आप उसपर क्लिक करते हैं तो 2 विकल्प खुलते हैं। एक एमाउंट और दूसरा रिमार्क्स। पहले में आपका अमाउंट भरना होता है। जितना अमाउंट आप लिखेंगे उतने का क्यूआर कोड जेनरेट हो जाएगा। ऐसा ही क्यूआर कोड भेजकर जालसाज भी फंसाते हैं।
इन बातों का हमेशा रखें ख्याल
- QR Code को स्कैन करने के बाद साइट और डोमेन नाम की जांच जरूर करें।
- QR Code स्कैन करके पेमेंट करने के लिए आपको कोई ऐप डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होती है।
- ज्यादातर स्मार्टफोन में कैमरा ऐप में स्कैनर होता है। अगर कोई QR Code स्कैन करने के लिए ऐप डाउनलोड करने को कह रहा है, तो उससे बचना चाहिए।
- QR Code से पेमेंट के लिए आपको अपनी यूपीआई आईडी या बैंक खाते की जानकारी नहीं साझा करनी चाहिए।
- QR Code से पेमेंट करने के लिए यूजर्स को ओटीपी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
ऐसे न एक्सेप्ट करें पेमेंट - QR Code के इस्तेमाल से पेमेंट एक्सेप्ट नहीं करना चाहिए। क्योंकि QR Code बेस्ड पेमेंट एक्सेप्ट के नाम पर हैकर्स की तरफ से मैलेशियस कोड भेजा जाता है, जो आपके स्मार्टफोन को कंट्रोल कर लते हैं और फिर बैकिंग फ्रॉड को अंजाम दिया जाता है।
नोट - ऑनलाइन पेमेंट के लिए हमेशा अथेंटाइज्ड पेमेंट प्लेटफॉर्म जैसे Gpay, PhonePe और Paytm के QR Code को एक्सेप्ट करना चाहिए। वरना आपका बैंक अकाउंट हैक हो सकता है।
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