ट्रेन में सफर के दौरान कई बार ऐसा होता है आप की रिजर्वेशन वाली सीट पर कोई दूसरा शख्स बैठा होता है। उठने के लिए कहने पर वो लड़ने-झगड़ने को उतारू हो जाता है। किस्मत खराब हो तो शिकायत करने के लिए टीटी भी दिखाई नहीं पड़ता है। फिर मन में सवाल आता है अब करें तो करें क्या अब ज्यादा सोचिए मत। इंडियन रेलवे ने इन्हीं सब समस्याओं से छूटकारा दिलाने के लिए ‘रेल मदद’ ऐप तैयार किया है। आइए जानते हैं रेलवे का ये ऐप पैसेंजर के सफर को कैसे आसान बना सकता है।
‘रेल मदद’ ऐप पैसेंजर की हेल्प के लिए 24×7 चालू रहता है। इस ऐप की मदद से आप अनरिजर्व्ड टिकट से लेकर प्लेटफॉर्म टिकट तक बड़ी आसानी से बुक कर सकते हैं। इन टिकटों के लिए आपको रेलवे स्टेशन पर लाइन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा सीट, एसी न चलना, वॉशरूम संबंधी, कंबल, चादर, खाना समेत रेलवे से जुड़ी कोई भी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। इसके अलावा सफर करते वक्त अचानक आपकी तबीयत खराब हो जाती है या आपके साथ सुरक्षा संबंधी कोई समस्या आ जाती है...तो भी इस ऐप के जरिए तुरंत हेल्प ले सकते हैं। इस ऐप पर दिव्यांग और महिलाओं को विशेष सुविधाएं दी जाती हैं।
कैसे कर सकते हैं शिकायत-
- -आप अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए मोबाइल के प्ले स्टोर से ‘रेल मदद’ ऐप डाउनलोड करें।
- - अब इसमें आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा।
- -रजिस्ट्रेशन के बाद आप किसी भी ट्रेन या किसी भी रेलवे स्टेशन की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- - आपको अपनी शिकायत करते वक्त उसका पूरा मामला, टाइमिंग और जगह सहित जानकारी देनी होगी।
अगर आपके पास स्मार्टफोन नहीं है या इंटरनेट नहीं चल रहा है, तो आप इंडियन रेलवे की हेल्प लाइन नंबर 139 पर कंप्लेन कर सकते हैं। इस नंबर पर फोन करके अपनी किसी भी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन पा सकते हैं।
‘रेल मदद’ ऐप पर आप अपनी दर्ज की शिकायत को ट्रैक भी कर सकते हैं। आप देख सकते हैं कि आपकी शिकायत का क्या स्टेटस है। रेल मदद ऐप की वेबसाइट के मुताबिक, ऐप का उद्देश्य शिकायतों को तुरंत सॉल्व करने के साथ पैसेंजर के एक्सपीरियंस को बढ़ाना है।
साल 2019 में ‘रेल मदद’ ऐप लॉन्च हुआ था। 2021-22 फाइनेंशियल ईयर में ‘रेल मदद’ ऐप की मदद से 31,450 शिकायतों को सॉल्व किया गया था, वहीं 2022-23 में 75,613 शिकायतों को सॉल्व किया गया है।
‘रेल मदद’ ऐप बीते कुछ सालों में शिकायत दर्ज कराने का पसंदीदा जरिया बन गया है। इंडियन रेलवे के मुताबिक, दक्षिण रेलवे में 61 प्रतिशत से ज्यादा शिकायतें हेल्पलाइन 139 पर आईं, जबकि 21 प्रतिशत शिकायतें ‘रेल मदद’ वेबसाइट के माध्यम से आईं। वहीं 5 प्रतिशत पैसेंजर्स ने ‘रेल मदद’ एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया, तो 10 प्रतिशत ने अपनी शिकायतें सोशल मीडिया के जरिए की।
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