चंद्रमा के बाद सूर्य की बारी, ISRO का मिशन तैयार, Aditya L1 को जल्द किया जाएगा लॉन्च

Home   >   Techमंच   >   चंद्रमा के बाद सूर्य की बारी, ISRO का मिशन तैयार, Aditya L1 को जल्द किया जाएगा लॉन्च

37
views

आदित्य-एल1 स्पेसक्राफ्ट को धरती और सूरज के बीच एल1 ऑर्बिट में रखा जाएगा यानी सूरज और धरती के सिस्टम के बीच मौजूद पहला लैरेंजियन प्वाइंट, यहीं पर आदित्य-एल1 को तैनात किया जाएगा।

मंगल ग्रह और चांद पर कदम रखने के बाद ISRO यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन का फोकस अब सूर्य मिशन पर है। चंद्रयान-3 से जुड़ी तमाम गतिविधियों के बीच अब इसरो भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 26 अगस्त को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। इकोनॉमिक टाइम्स में ISRO चीफ सोमनाथ एस के छपे आर्टिकल के मुताबिक, सूरज की स्टडी करने के लिए आदित्य एल-1 मिशन है। वहीं भारत से पहले अब तक अमेरिका, जर्मनी, यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने कुल मिलाकर ऐसे 22 मिशन भेजे हैं, इनमें से एक ही मिशन फेल हुआ है। भारत के लिए ये सूर्य मिशन क्यों खास है आइए जानते हैं।

आदित्य एल-1’ को PSLV रॉकेट से 26 अगस्त को लॉन्च किया जाएगा। अनुमान है कि लॉन्च से लेकर अपनी मंजिल तक पहुंचने में इसे कम से कम 4 महीने लगेंगे।

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपे ऑर्टिकल के मुताबिक, आदित्य-एल1 में सात पेलोड्स हैं, जिनमें से छह पेलोड्स इसरो और अन्य संस्थानों ने बनाया है। आदित्य-एल1 स्पेसक्राफ्ट को धरती और सूरज के बीच एल1 ऑर्बिट में रखा जाएगा यानी सूरज और धरती के सिस्टम के बीच मौजूद पहला लैरेंजियन प्वाइंट, यहीं पर आदित्य-एल1 को तैनात किया जाएगा। लैरेंजियन प्वाइंट असल में अंतरिक्ष का पार्किंग स्पेस है, जहां पर कई सैटेलाइट तैनात किए गए हैं यानी भारत का आदित्य-एल1 धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित इस प्वाइंट पर तैनात किया जाएगा।

इसरो को उम्मीद है कि आदित्य एल1 के पेलोड कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर एक्टीवीटिस और उनकी करेक्टरइस्टिक्स, स्पेस वेदर की मोबिलटी और कणों और क्षेत्रों के प्रसार की समस्या को समझने के लिए इंपोर्टेंट जानकारी साझा करेंगे।

VELC पेलोड के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर राघवेंद्र प्रसाद कहना है कि आदित्य-एल1 के पेलोड में लगा कैमरा बिना सूरज के पास जाए, उसकी हाई रेजोल्यूशन तस्वीरे लेगा, साथ ही स्पेक्ट्रोस्कोपी और पोलैरीमेट्री भी करेगा

ESA यानी यूरोपियन स्पेस ऐजेंसी भी इसरो के इस सूर्य मिशन को सपोर्ट कर रही है, आदित्य एल 1 को ट्रैकिंग में मदद करेगी। इसके अलावा गोनहिली और कौरौ ट्रैकिंग गतिविधियां शामिल होगी। नासा के मुताबिक अंतरिक्ष में सूरज का टेम्प्रेचर 27 मिलियन डिग्री फेरनहाइट होता है, आकाश गंगा में सूरज के इर्दगिर्द सभी 9 ग्रह घूमते हैं, जिसमें पृथ्वी भी शामिल है।

 

Comment

https://manchh.co/assets/images/user-avatar-s.jpg

0 comment

Write the first comment for this!